कढ़ाई हेतु आवश्यक सामग्री
कढ़ाई हेतु आवश्यक सामग्री- कढ़ाई कार्य को शीघ्र और सुन्दर तरीके से सम्पन्न करने के लिए कुछ सामग्रियों की आवश्यकता होती है। प्रत्येक कढ़ाई कर्त्ता को इसके बारे में पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। इन सभी वस्तुओं को संभाल कर एक टोकरी या अनुकूल आकार के डिब्बे में रखनी चाहिए ताकि जरूरत के समय सहज रूप उपलब्ध हो सके। कढ़ाई के लिए निम्न सामग्रियों की आवश्यकता होती है।
1. मंजूषा 2. धागे 3 सुइयाँ 4. फ्रेम 5. कैचियाँ 6. अंगुश्ताना 7. कार्बन पेपर 8. नापने का फीता 9. पेन्सिल 10. टेलर चॉक 11. ट्रेसिंग कागज 12. मार्किंग व्हील 13. पिनें 14: नमूने की पुस्तिका
1. मंजूषा- कढ़ाई कार्य को सहज और सही समय पर सम्पादित करने के लिए आवश्यक सभी सामग्रियों का एक ही स्थान पर रखना अपरिहार्य है। इसके लिए किसी उपयुक्त आकार का ढक्कन युक्त बॉक्स, टोकरी या हाथ से बनाया गया बैग का उपयोग किया जा सकता है। जिसे मंजूषा के नाम से जाना जाता है। आजकल बाजार में प्लास्टिक की सुन्दर विभिन्न रंगों से निर्मित या लकड़ी पर नक्काशी-युक्त मंजूषाएँ भी उपलब्ध हैं। इनके भीतर भिन्न-भिन्न वस्तुओं को रखने के लिए स्थान विभाजित होते हैं।
2. धागे- वस्त्र के प्रकार के अनुसार रेशमी तथा सूती रंगीन धागों का उपयोग किया जाता है। कढ़ाई के लिए पक्के और मजबूत धागे लेना चाहिए, इनसे कढ़ाई सुन्दर लगती है। कढ़ाई के कपड़े के सूत से कढ़ाई वाला धागा मोटा होना चाहिए। इससे कढ़ाई बराबर और सुन्दर लगती हैं। मंजूषा में प्राथमिक रंगों के जैसे – काले, सफेद धागे अवश्य रखें। इसके अतिरिक्त लाल, भूरा, नीला, पीला एवं अलग-अलग रंगो के शेड्स की लच्छियाँ भी रखें।
3. सुइयाँ- सुई के बिना सिलाई सम्भव नहीं है, सुईयाँ विभिन्न नम्बरों की बाजार में उपलब्ध हैं विभिन्न प्रकार की सुईयाँ आवश्यकतानुसार प्रयोग में ला सकते हैं। उदाहरण के लिए ऊन की सूई मोटी और कम नुकीली होती है। इससे मोटे ऊनी कपड़े कैनवास, जाली आदि पर कढ़ाई की जा सकती है।
धातु कढ़ाई के लिए उपयोग में आने वाली सुईयाँ बहुत ही अच्छी किस्म की एवं बारीक होनी चाहिए। इसकी जाँच करने हेतु सुई को हाथ में लेकर उँगलियों से दबाएँ। सुई यदि कच्ची की बनी होगी तो दबाने से टेढ़ी हो जाएगी अथवा टूट जाएगी, इस प्रकार की सुई का प्रयोग न करें। सुई का छेद गोल, लम्बा, कुछ बड़ा होना चाहिए। यदि छेद खुरदरा हो तो धागा डालने में परेशानी होती है।
4. फ्रेम- किसी भी नमूने को सफाई से काढ़ने काटने के लिए फ्रेम का प्रयोग किया जाता है। फ्रेम लकड़ी, प्लास्टिक अथवा एल्यूमीनियम का हो सकता है। ये गोल या अण्डे के आकार के हो सकते हैं। इनमें कपड़ा कस देने से कढ़ाई साफ और सुन्दर आती है कपड़ा कसते एवं निकालते समय फ्रेम को ढीला कर लेना चाहिए ताकि कपड़े के धागों पर खिंचाव न आये।
5. कैचियाँ- कपड़े को सफाई और सहज तरीके से काटने के लिए कैंची का उपयोग किया जाता है। उपयोग के अनुसार भिन्न-भिन्न आकार की कैंचियों को काम में लाया जाता है। कपड़ा काटने के लिए बड़ी तथा धागा काटने के लिए छोटी कैंची का उपयोग किया जाता है। कटवर्क अथवा अन्य महीन कटाई के लिए अच्छी नोक वाली कैंची की आवश्यकता होती है। कैंचियाँ मजबूत धातु की क्षीण धार वाली होनी चाहिए।
6. अंगुश्ताना- अंगुश्ताना का प्रमुख उद्देश्य कढ़ाई के दौरान बार-बार सुई ढेलने से उंगली को चोट से बचाना है। अंगुश्ताना सामान्यतया दाहिने हाथ की मध्य उंगली में पहना जाता है। फ्रेम पर कार्य करते समय बायें हाथ की मध्य उंगली में पहना जा सकता है। यह धातु या प्लास्टिक से निर्मित होता है। इसे सही नाप का और चिकना होना चाहिए।
7. कार्बन पेपर- कार्बन कागज को कपड़े पर डिजाइन उतारने के उपयोग में लाया जाता है। कार्बन पेपर अच्छी किस्म का होना चाहिए ताकि नमूना सही और स्वच्छ उतरे। कार्बन पेपर लाल, गुलाबी, पीले, काले, जामुनी रंगों में मिलता है। इसके कार्बन वाला हिस्सा कपड़े की ओर रखकर उसके ऊपर नमूना रखकर पैन्सिल अथवा अन्य उपकरण से दबाव लेकर नमूना ट्रेस किया जाता है।
8. नापने का फीता- कपड़े की लम्बाई, चौड़ाई, नमूने की दूरी इत्यादि अंकित करने के लिए नापने के फीते का प्रयोग किया है।
9. पेन्सिल – ट्रेसिंग पेपर पर नमूना उतारने के लिए अथवा कार्बन पर से नमूना ट्रेस करने के लिए पेन्सिल की आवश्यकता होती है। ट्रेसिंग उतारने के लिए कड़ी, नोकरदार तथा उत्तम किस्म की पेन्सिल का उपयोग करना उपयुक्त रहता है।
10. टेलर चॉक- कपड़े पर निशान लगाने के लिए टेलर्स चॉक का उपयोग किया जाता है।
11. ट्रेसिंग कागज- पत्र-पत्रिकाओं से नमूने उतारने एवं पुनः कार्बन की सहायता से कपड़े पर चित्रित करने के लिए पतले, पारदर्शी ट्रेसिंग पेपर का उपयोग किया जाता है।
12. मार्किंग व्हील- बड़ी-बड़ी डिजाइनों को कपड़े पर अंकित करने के लिए मार्किंक व्हील का उपयोग किया जाता है। इसे ट्रेसिंग व्हील या नमूना उतारने का गठिया भी कहते हैं। कुल नमूनों के पीछे कार्बन वाली स्याही लगी होती है। उन नमूनों को कपड़े पर रखकर ऊपर से मार्किंक व्हील की सहायता से कार्य शीघ्रतापूर्वक सम्पन्न होता है।
13. पिनें- नमूने वाले कागज को यथास्थान रखने के लिए पिन की बहुत आवश्यकता होती है। अतः सिलाई के बॉक्स में एक पिन का डिब्बा अवश्य ही होना चाहिए।
14. नमूने की पुस्तिका- नमूने की पुस्तिका में वस्त्र पर अंकित करने के विभिन्न नमूनों को संग्रहित किया जाता है। नमूने की पुस्तिका की सहायता से आवश्यक ओर मनपसन्द नमूनों को ढूँढ़ना सहज हो जाता है। बाजार में नमूने की पुस्तिकाएँ आसानी से उपयुक्त रहती हैं। पत्र-पत्रिकाओं में भी नमूने प्रकाशित होते रहते हैं।
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