B.Ed./M.Ed.

अधिगम का अर्थ | अधिगम की परिभाषा | अधिगम की प्रकृति | अधिगम की विशेषताएँ

अधिगम का अर्थ
अधिगम का अर्थ

अधिगम का अर्थ

अधिगम का अर्थ- अधिगम पूर्व अनुभव द्वारा व्यवहार में प्रगतिशील परिवर्तन है । इस आधार पर कहा जा सकता है कि अधिगम ही शिक्षा है। अधिगम और शिक्षा एक ही क्रिया की ओर संकेत करते हैं। दोनों क्रियाएँ जीवन में सदा और सर्वत्र चलती रहती हैं। बालक परिपक्वता की ओर बढ़ता हुआ, अपने अनुभवों का लाभ उठाता हुआ वातावरण के प्रति जो उपयुक्त प्रतिक्रिया करता है, वही अधिगम है।

अधिगम की परिभाषा

ब्लेयर, जोन्स और सिम्पसन के अनुसार- “व्यवहार में कोई परिवर्तन जो अनुभवों का परिणाम है और जिसके फलस्वरूप व्यक्ति आने वाली स्थितियों का भिन्न प्रकार से सामना करता है—अधिगम कहलाता है।”

गेट्स व अन्य के अनुसार ” अनुभव और प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में परिवर्तन लाना ही अधिगम या सीखना है।”

स्किनर के अनुसार – “सीखना, व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है।”

गिलफोर्ड के अनुसार – ” व्यवहार के परिणामस्वरूप व्यवहार में किसी प्रकार का परिवर्तन ही अधिगम है।”

अधिगम की प्रकृति (Nature of Learning)

उपर्युक्त परिभाषाओं के अवलोकन विश्लेषण तथा व्याख्या से स्पष्ट है कि अधिगम प्रक्रिया की प्रकृति में निम्न बातें निहित हैं-

1. अधिगम एक सक्रिय प्रक्रिया है।

2. अधिगम व्यक्ति की क्रियाशीलता पर निर्भर होता है।

3. अधिगम विकास की प्रक्रिया है, जहाँ व्यक्ति को स्व-प्रयास करना पड़ता है।

4. अधिगम व्यक्ति के वातावरण के अनुरूप व्यक्ति में परिवर्तन लाता है। ये परिवर्तन स्थायी या अस्थायी हो सकते हैं।

5. अधिगम सहज क्रिया नहीं है।

6. अधिगम चेतना का परिणाम भी हो सकता है या जैविक व सामाजिक समंजन के लिए भी हो सकता है।

7. अधिगम सकारात्मक व नकारात्मक दोनों हो सकता है।

8. अधिगम व्यवहार में परिवर्तन की मानवीय क्रिया है।

9. अधिगम प्रक्रिया उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है।

10. अधिगम वर्तमान व्यवहार में परिवर्तन या नए व्यवहार के ग्रहण के साथ-साथ वर्तमान व्यवहार पर प्रतिबन्ध भी लगाता है।

11. अधिगम व्यक्ति को आवश्यक समायोजन और ग्राहायता के लिए तैयार करता है।

12. अधिगम का क्षेत्र बहुत व्यापक होता है जिसमें मानव व्यवहार के सभी क्षेत्र (संज्ञानात्मक, भावात्मक तथा अनुभवात्मक) सम्मिलित होते हैं।

13. अधिगम सार्वभौमिक एवं निरन्तर प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया जीवन पर्यन्त चलती रहती है।

14. क्रो एवं क्रो के अनुसार कार्य करने के तरीके अधिगम में सम्मिलित हैं, परन्तु इन नए तरीकों को सीखने के साधनों की कोई सीमा नहीं होती। अतः अधिगम के विभिन्न तरीके और विधियाँ होती हैं।

15. परिपक्वता, थकान, बीमारी, नशे आदि के कारण व्यवहार में परिवर्तन का अधिगम से कोई सम्बन्ध नहीं होता।

अधिगम की विशेषताएँ (Characteristics of Learning)

योकम सिम्पसन और मुर्सेल के अनुसार अधिगम की विशेषताएँ निम्नवत् हैं-

1. अधिगम परिवर्तन है। (Learning is change.)

2. अधिगम सम्पूर्ण जीवन चलाता है। (Learning is long-life.)

3. सीखना विकास है। (Learning is growth.)

4. सीखना अनुकूलन है। (Learning is adjustment.)

5. सीखना सार्वभौमिक है। (Learning is universal.)

6. सीखना नया कार्य करना है। (Learning is doing something new.)

7. सीखना अनुभवों का संगठन है। (Learning is organisation of experiences.)

8. सीखना उद्देश्यपूर्ण है। (Learning is purposive.)

9. सीखना विवेकपूर्ण है। (Learning is understanding.)

10. सीखना सक्रियता है। (Learning is activeness.)

11. सीखना व्यक्तिगत व सामाजिक दोनों है। (Learning is both individual and social.)

12. अधिगम खोज है। (Learning is discovery.)

13. अधिगम वातावरण की उपज है। (Learning is a product of environment.)

इसी भी पढ़ें…

About the author

shubham yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment