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अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा | Meaning and Definitions of Learning in Hindi

अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा
अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा

अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा

अधिगम का अर्थ (Meaning of Learning in Hindi)

ज्ञान प्राप्त करके व्यक्ति अनेक अनुभवों से परिचित होता है। इन अनुभवों के द्वारा उसके विचारों, सवेगों, कार्यों आदि से किसी-न-किसी प्रकार का परिवर्तन अवश्य होता है। यह परिवर्तन ही व्यक्ति के विकास की प्रक्रिया को संचालित करते हैं। व्यक्ति के विकास को दिशा एवं गति देने वाले परिवर्तन अधिगम की प्रक्रिया, अधिगम की क्षमता और अधिगम की व्यवस्था पर आधारित होते हैं। इसीलिए अधिगम को अन्य शब्दों में व्यवहार परिवर्तन भी कहा जाता है। कुछ-न-कुछ नवीन की उपलब्धि ही परिवर्तन है और व्यक्ति में यह परिवर्तन ही अधिगम है।

शिक्षण की समस्त योजना, व्यवस्थितिकरण एवं क्रियान्वित अधिगम के लिए ही होती है। इसके अनेक महत्त्वपूर्ण कारण; यथा-शिक्षण विधि, अभिप्रेरणा, वांछित निर्देशन, शैक्षिक वातावरण आदि का अधिगम के निर्धारण में योगदान होता है।

बालक की सीमित क्षमताएँ बुद्धि, रुचि, जिज्ञासा, अधिगम का दृष्टिकोण और तत्परता भी अधिगम की मात्रा, स्वरूप, गति इत्यादि के लिए उत्तरदायी होते हैं।

बालकों के अधिगम हेतु अधिगम की प्रगति का ज्ञान भी आवश्यक है। अधिगम के विभिन्न वक्र और अधिगम के पठारों का ज्ञान व निराकरण इस दृष्टि से अत्यन्त उपयोगी है। इसके प्रभावी अधिगम हेतु, अधिगम के विभिन्न सिद्धान्तों व अधिगम की विधियों का प्रयोग भी आवश्यक है। अधिगम की सार्थकता उसके उपयोग में ही है इसलिए अधिगम के स्थानान्तरण की प्रक्रिया का ज्ञान व प्रयोग अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।

अधिगम की परिभाषाएँ (Definitions of Learning in Hindi)

अधिगम से सम्बन्धित कुछ प्रमुख परिभाषाएँ निम्न प्रकार हैं-

1. क्रो एण्ड क्रो, “आदतों, ज्ञान व अभिवृत्तियों का अर्जन ही अधिगम है।”

2. स्किनर, “व्यवहार में उत्तरोत्तर अनुकूलन की प्रक्रिया ही अधिगम है।”

3. कालविन, “अनुभवों द्वारा पूर्व निर्धारित व्यवहार में परिवर्तन को अधिगम कहते हैं।”

4. पावलॉव, “सीखना अनुकूलित-अनुक्रिया के फलस्वरूप आदत का निर्माण है।”

5. थॉनडाईक, “सीखना स्नायुमण्डल में परिस्थितियों एवं अनुक्रियाओं के बीच संयोग सम्बन्धों का बनाना  एवं शक्तिशाली होना है।”

इन परिभाषाओं के आधार पर अधिगम की निम्नलिखित विशेषताएँ स्पष्ट होती हैं-

1. अनुकूलन व्यक्ति के अधिगम पर निर्भर करता है।

2. अधिगम अनुभवों को प्राप्त करता है।

3. अधिगम सक्रियता पर आधारित है।

4. विश्व के समस्त व्यक्ति अधिगम के माध्यम से ही विकसित होते हैं।

5.अधिगम विकास का आधार है।

6. अधिगम वातावरण से क्रिया-प्रतिक्रिया का परिणाम है।

7. अधिगम एक व्यापक प्रक्रिया है।

8. अधिगम एक अविरल प्रक्रिया है।

9. अधिगम व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन है।

अधिगम के नियम, प्रमुख सिद्धान्त एवं शैक्षिक महत्व

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  1. थाईडाइक के सीखने के सिद्धांत
  2. पुनर्बलन का सिद्धांत/ हल का सिद्धांत
  3. बान्डुरा का सामाजिक अधिगम सिद्धांत
  4. क्रिया-प्रसुत का अधिगम् सिद्धांत
  5. पावलव का अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत
  6. कोहलर का अर्न्तदृष्टि या सूझ का सिद्धांत
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shubham yadav

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