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भारत के प्रमुख अन्तरिक्ष अभियानों का वर्णन कीजिये।

भारत के प्रमुख अन्तरिक्ष अभियान
भारत के प्रमुख अन्तरिक्ष अभियान

भारत के प्रमुख अन्तरिक्ष अभियान

भारत में कृत्रिम उपग्रह तथा इनका उपयोग निम्नलिखित हैं-

1. आर्यभट्ट (Aryabhatta) – जे. एस. धवन और एस. राय ने आर्य भट्ट का निर्माण किया। जिसका भार 300 किलो था। यह 19 अप्रैल सन् 1975 को रूसी रॉकेट की सहायता से रूसी केन्द्र से पृथ्वी कक्ष में स्थापित किया गया है। इसमें से X किरणों एवं मौसम सम्बन्धी जानकारी प्राप्त हुई परन्तु इसने 5 दिन बाद काम करना बन्द कर दिया।

2. भास्कर (Bhaskar) – भारत में निर्मित 445 किलो भार वाले इस उपग्रह को रूसी रॉकेट द्वारा 7 जून सन् 1979 को पृथ्वी कक्ष में स्थापित किया गया। भूसर्वेक्षण हेतु शक्तिशाली दूरदर्शन लगे थे, वे व्यर्थ रहे।

3. रोहिणी (Rohini) – यह भारत में निर्मित 4 खण्डीय उपग्रह था। इसे 18 जुलाई, वर्ष 1980 को पृथ्वी के कक्ष में स्थापित किया गया। इसका भार 35 किलो था। यह उपग्रह श्री हरिकोटा से छोड़ा गया।

4. एप्पल (Apple) – इसका भार 630 किलो था। यह 19 जून, सन् 1981 को यूरोपियन यान फैन्चगुयना से छोड़ा गया था। यह उपग्रह दूर संचार के क्षेत्र में सफल रहा।

5. अनुराधा (Anuradha) – 29 अप्रैल, सन् 1985 को अमरीकी यान शटल चैलेन्जर से अनुराधा का प्रेक्षण किया गया।

6. इन्सेट 1-A-1-B का प्रेक्षण ।

7. A.S.L.V. दुर्घटनाग्रस्त ।

8. I.R.S.1-A- 17 मार्च, सन् 1988 को तत्कालीन संघ ने बैकानुर प्रक्षेपण केन्द्र से प्रथम भारतीय दूर संचार उपग्रह आई. आर. एस. IA का सफल प्रक्षेपण किया गया।

9. इन्सेट I-C

10. इन्सेट I-D

11. इन्सेट II-A

12. इन्सेट II-B

और अनेक उपग्रह 2016 तक छोड़े जा चुके हैं जिनमें हाल ही में 20 उपग्रह एकसाथ स्थापित किये गये हैं।

9. भारत का मंगल अभियान- अन्तरिक्ष अभियान में भारत ने एक बड़ी सफलता उस समय प्राप्त की जब स्वदेश निर्मित मंगलयान ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अन्तर्गत 24 सितम्बर 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया। इसी के साथ यूरोपीय संघ, अमरीका एवं रूस के पश्चात् भारत विश्व का चौथा ऐसा देश हो गया जिसने मंगल की कक्षा में या फिर इसकी सतह पर अपने यान भेजने में सफलता प्राप्त की है। 24 सितम्बर 2014 को जब मंगलयान ने लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया तो उस पल का साक्ष्य बनने के लिये प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी स्वयं ‘इसरो’ के बंगलूरू स्थित केन्द्र में उपस्थित थे। आन्ध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र से मार्स ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान) का प्रक्षेपण स्वदेशी ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (स्ट) सी-25 की सहायता से 5 नवम्बर 2013 को यह यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के क्षेत्र से बाहर निकलकर मंगल की दिशा में रवाना हुआ।

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shubham yadav

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