रेखीय तथा शाखीय अभिक्रमित अनुदेशन की तुलना कीजिए। अथवा रेखीय और शाखीय अभिक्रमित अनुदेशन में अंतर स्पष्ट करें
अनुक्रम (Contents)
रेखीय और शाखीय अभिक्रमित अनुदेशन में अंतर
रेखीय और शाखीय दोनों प्रकार के अनुदेशनों की तुलना निम्न प्रकार से की जा सकती है-
क्र. सं. |
रेखीय अभिक्रमित अनुदेशन |
शाखीय अभिक्रमित अनुदेशन |
1. | इस अनुदेशन में पदों का आकार छोटा होता अपेक्षाकृत है। | शाखीय अनुदेशन में पदों का आकार बड़ा होता है। |
2. | रेखीय अनुदेशन में विद्यार्थी को प्रश्न का उत्तर स्वयं बनाना होता है या वह प्रत्यास्मरण करता है। | शाखीय अनुदेशन में विद्यार्थी अनुक्रिया के रूप में सही विकल्प का चुनाव करता है। इसमें प्रश्न प्रत्यभिज्ञान रूप में होता है। |
3. | इसमें फ्रेम का निर्माण इस प्रकार किया जाता को है कि विद्यार्थी उत्तर देने में या अनुक्रिया करने में त्रुटि न करे। | इसमें त्रुटियों के स्पष्टीकरण देकर अधिगम स्पष्ट और प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया है। |
4. | रेखीय अभिक्रम में पढ़कर अन्त में सही उत्तर दिखाकर तत्काल प्रतिपुष्टि की व्यवस्था है। | इसमें प्रतिपुष्टि के लिए बालक को स्पष्टीकरण दिया जाता है। इस प्रकार अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिपुष्टि की जाती है। |
5. | रेखीय अभिक्रमित अनुदेशन में भी पदों को पढ़ाना होता है। | शाखीय अभिक्रमित अनुदेशन में सभी पद पढ़ना आवश्यक नहीं है। |
6. | इसमें विविधता एवं नवीनता कम है। | इसमें विविधता एवं नवीनता अधिक है। |
7. | अनुबोधकों का प्रयोगं रेखीय अभिक्रम में अधिक किया जाता है | इसमें अनुबोध का उपयोग बहुत सीमित है। |
8. | इसमें त्रुटियों को महत्त्व नहीं दिया जाता है। | इसमें त्रुटियों को महत्व दिया जाता है। |
9. | विद्यार्थी को उत्तर देने की स्वतन्त्रता नहीं है अर्थात् उसे निश्चित उत्तर ही देना है। | विद्यार्थी उत्तर देने को स्वतन्त्र है, वह एक से अधिक उत्तर भी दे सकता है। |
10. | यह छोटी कक्षाओं के लिए अधिक उपयोगी सिद्ध हुआ है | यह बड़ी कक्षा के लिए अधिक उपयोगी है। |
11. | यह एक ही दिशा में विद्यार्थी को आगे बढ़ाता है। | इसमें विद्यार्थी विभिन्न शाखाओं में से होकर गुजरता है। |
12. | इसके प्रवर्तक बी० एफ० स्किनर थे। | इसका सूत्रपात नार्मन ए० क्राउडर ने किया। |
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