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शिक्षक शिक्षा के राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की संरचना [Structure of National Curriculum Framework of Teacher Education (NCFTE-2009)]
N. C. F. T. E., जिसे मार्च 2009 में प्रारम्भ किया गया, NCE, 2005 के आधार पर बनाया गया है और मुफ्त एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 में निर्धारित सिद्धान्तों ने शिक्षक शिक्षा पर परिवर्तित संरचना अनिवार्य कर दिया जो NCE, 2005 में संस्तुत में विद्यालय पाठ्यचर्या के परिवर्तित दर्शन के अनुकूल हो। इस संरचना में नये दृष्टिकोण के कुछ महत्त्वपूर्ण कारण है-
(1) छात्र अध्यापकों स्व-शिक्षा नवीन विचारधारा के आत्मसातीकरण और अभिव्यक्ति का अवसर प्राप्त होगा ।
(2) परावर्ती प्रचलन शिक्षक का मुख्य उद्देश्य है।
(3) बालकों को निरीक्षण एवं सम्मिलित करने, बालकों से वार्तालाप करने और उनके निकट आने का अवसर ।
(4) स्वयं निर्देशित शिक्षा की क्षमता और सोचने की योग्यता का विकास।
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निर्मित संरचना में सुधार- राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा का निर्माण देश में शिक्षक प्रशिक्षण निश्चित एवं समुचित विकास की प्राप्ति, शिक्षक प्रशिक्षण प्रणाली के मानकों एवं मानदण्डों, विनियमन एवं संरक्षण के लिए राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण अधिनियम, 1993 के अन्तर्गत किया गया था। NCTE ने अपने कार्य-कारण के क्रमानुसार सुधार व शिक्षक प्रशिक्षण प्रणाली में सुधार के विभिन्न तरीके अपनाये हैं, जो निम्न प्रकार हैं-
(1) NCF 2005 को ध्यान में रखते हुए शिक्षक शिक्षा की राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना का निर्माण किया गया।
(2) शिक्षक शिक्षा संस्थाओं के लिए नियम पुस्तिका का निर्माण और शिक्षक शिक्षा का विषयानुसार पत्र प्रकाशन और प्रसार के द्वारा अकादमिक (शैक्षिक ) सहायता प्रदान की गयी है।
(3) विभिन्न राज्यों में शिक्षकों तथा शिक्षक-शिक्षकों की माँग व पूर्ति के आधार पर NCTE ने 13 राज्यों से सम्बन्धित विभिन्न शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए और आवेदन प्राप्त नहीं करने का निर्णय लिया है, जिससे माँग एवं आपूर्ति में सामंजस्य बना रहे।
(4) अनेक शिक्षा पाठ्यक्रमों को मान्यता देने के लिए विभिन्न नियमों व मापदण्डों में संशोधन किया गया और 31 अगस्त, 2009 में उन्हें अधिसूचित किया गया। नवीन नियमों में स्थानीय समितियों के विवेकाधिकारों में अभाव के साथ इस नियम को और अधिक पारदर्शी व समयबद्ध किया गया।
(5) ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करने और शुल्क के ऑनलाइन भुगतान की सुविधा प्रदान करते हुए ई-अभिशासन प्रणाली को प्रारम्भ किया गया। मान्यता की प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए एम. आई. एस. का निर्माण किया गया।
(6) सरकार द्वारा स्थापित स्वामित्व, नियन्त्रित और पर्याप्त रूप से वित्त पोषित विद्यालयों में शिक्षकों की रिक्त स्वीकृति क्षमता के 10% से अधिक नहीं होगी।
(7) सरकार यह निर्धारित करेगी कि अनुसूची में आए छात्र शिक्षक अनुपात सभी विद्यालयों में बनाये रखा जाएगा।
शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम संरचना में शिक्षक शिक्षा की ओर संकेत करते हुए जो रणनीतियाँ व प्रक्रिया बनायी गयी है, उससे छात्र शिक्षकों का ज्ञान, अभिवृत्ति, व्यवहार व दक्षता में वृद्धि में होती है। वह अपना समस्त कार्य कक्षा, विद्यालय व बाहर समाज में प्रभावशाली ढंग से कर सकते हैं। शिक्षक शिक्षा को प्रायः तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-
(अ) प्रारम्भिक शिक्षक प्रशिक्षण शिक्षा पूर्ण रूप में शिक्षक बनने से पूर्व दिया गया प्रशिक्षण।
(ब) प्रारम्भिक तैयारी- नियुक्ति पाने पर विद्यालय में प्रथम वर्ष के अन्तर्गत दिया जाने वाला प्रशिक्षण ।
(स) सतत व्यावसायिक विकास (CPD) शिक्षकों हेतु सेवाकालीन शिक्षा।
राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना सन् 2005 की रूपरेखा सम्पूर्ण दृश्य प्रस्तुत करती हैं कि बालकों की आवश्यकता क्या है ? इसमें शिक्षक शिक्षा की पाठ्यचर्या की रूपरेखा में विद्यालयी संस्कृति की ओर, शिक्षकों को कक्षा के अभ्यास की ओर एवं शिक्षण संसाधनों की ओर भी पूर्ण ध्यान दिया गया है, क्योंकि यह सभी आयाम शिक्षा पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव डालते हैं। स्पष्ट है कि राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम संरचना, 2009 में पाठ्यचर्या के निर्माण के पूर्व निम्न विषयों पर ध्यान आकृष्ट किया गया है-
(1) शिक्षक शिक्षा में अनुसंधान व नवाचार |
(2) शिक्षक प्रशिक्षकों का निर्माण।
(3) शिक्षक शिक्षा का व्यवसायीकरण ।
(4) व्यावसायिकता हेतु शिक्षकों की भूमिका ।
(5) स्वास्थ्य व शारीरिक शिक्षा ।
(6) शिक्षक शिक्षा में मुक्त व दूरस्थ शिक्षा ।
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