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निर्देशन कार्यक्रम की विशेषताएँ

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निर्देशन कार्यक्रम की विशेषताएँ

निर्देशन कार्यक्रम की विशेषताएँ

एक अच्छे निर्देशन कार्यक्रम की निम्न विशेषताएँ हैं-

1. निर्देशन कार्यक्रम से परामर्श प्रक्रिया एवं परीक्षण के लिये तथा आलेख- पत्र रखने के लिये पर्याप्त स्थान भी होना चाहिये। निर्देशन कार्यालय विद्यालयों में ऐसे स्थान पर स्थापित किये जायें जहाँ शान्ति रहती हो। परामर्श प्रक्रिया के लिये गुप्त स्थान होना चाहिये।

2. निर्देशन कार्यकर्ताओं को निर्देशन सहायता देने के लिये पर्याप्त समय मिलना चाहिये। निर्देशकों को परीक्षा लेने, परामर्श देने के लिये अधिक समय की आवश्यकता होती है। प्रधानाचार्य को समय-चक्र आदि बनाते समय निर्देशन के लिये समय पर भी ध्यान देना चाहिये।

3. उचित निर्देशक-सामग्री भी निर्देशन कार्यकर्ताओं को प्राप्त होनी चाहिये। जब तक उनको विभिन्न प्रकार की परीक्षायें प्राप्त नहीं होती हैं तो छात्रों की रुचियाँ, बुद्धि, अभियोग्यताओं आदि के सम्बन्ध में ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

4. निर्देशन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये समाज की अन्य निर्देशन एजेन्सियों का सहयोग प्राप्त करना चाहिये। विद्यालय के निर्देशन कार्यक्रम का सम्बन्ध रोजगार कार्यालय, व्यापारिक संस्थाओं तथा राजकीय निर्देशन कार्यालय से होना चाहिये।

5. निर्देशन कार्यकर्ताओं का चयन, उनकी योग्यता, अनुभव तथा प्रशिक्षण के आधार पर करना चाहिये। निर्देशन कार्यक्रम में सम्पूर्ण कार्य अध्यापकों द्वारा सम्पन्न नहीं किया जा सकता है। विशिष्ट कार्यों के लिये निर्देशन क्षेत्र में विशेष योग्यता प्राप्त व्यक्तियों की नियुक्ति करनी चाहिये।

6. निर्देशन कार्यक्रम में निर्देशन कार्यकर्ता को निर्देशन देते समय विभिन्न विधियों को प्रयोग करना चाहिये। एक विधि की सहायता से वह छात्रों के सम्बन्ध में विश्वसनीय सूचनाएँ ज्ञात नहीं कर सकता है। एक कुशल निर्देशन भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के लिये भिन्न-भिन्न निर्देशन-विधियाँ उपयोग में लाता है। कभी-कभी वह एक ही व्यक्ति पर विभिन्न विधियों को विभिन्न समय तथा विभिन्न परिस्थितियों में प्रयोग करता है।

7. गोपनीय- सूचनाएँ गुप्त रखनी चाहिये। परामर्शदाता का यह प्रथम कर्तव्य है कि वह छात्र को विश्वास दिलाये कि उसके द्वारा वर्णित सभी तथ्य गुप्त रखे जायेंगे। ऐसा विश्वास होने पर ही वह सत्य सूचनाएँ देगा। परामर्शदाता को दो प्रकार की फाइल रखनी चाहिये। एक में उसे सामान्य सूचनाएँ अंकित करनी चाहिये और दूसरी फाइल में छात्र से सम्बन्धित गुप्त सूचनाओं का आलेख रखना चाहिये। गुप्त सूचनाओं की फाइल केवल परामर्शदाता को ही प्राप्त होगी।

8. निर्देशन कार्यक्रम का आवश्यक अंक संकलित आलेख-पत्र की पर्याप्त व्यवस्था रखना है। जिस प्रकार चिकित्सक रोगी का पूर्ण आलेख रखता है, ठीक उसी प्रकार निर्देशन को प्रत्येक छात्र का संकलित आलेख पत्र रखना चाहिये। यह आलेख छात्र के विद्यालय में प्रवेश लेने के समय से ही लिखना आरम्भ कर देना उत्तम रहता है। परामर्शदाता या अध्यापक को अपनी स्मृति पर निर्भर नहीं रहना चाहिये।

9. विद्यालय के बजट ही निर्देशन कार्यक्रम को स्थान मिलना चाहिये- यह निर्विवाद सत्य है कि निर्देशन कार्यक्रम विद्यालय की क्रियाओं का एक अभिन्न अंग है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये पर्याप्त मात्रा में धनराशि मिलनी चाहिये।

10. एक ही प्रकार का निर्देशन कार्यक्रम सभी विद्यालयों में सफल हो सके यह आवश्यक नहीं है। सभी विद्यालयों की परिस्थितियों में भिन्नता होती है। निर्देशन कार्यक्रम का आधार छात्रों की आवश्यकताएँ, विद्यालय की परिस्थितियाँ, समाज की स्वीकृति आदि होती है। कार्यक्रम को अधिक उपयोगी बनाने के लिये आवश्यक है कि यह स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल हो।

11. छात्र को ही अन्तिम निर्णय करने का अवसर निर्देशन कार्यक्रम में दिया जाये। यह प्रजातन्त्र की एक विशेषता भी है कि व्यक्ति को स्वयं निर्णय करने दिया जाये। उस पर किसी प्रकार का दबाव न डाला जाये। इसी प्रकार निर्देशन कार्यक्रम में निर्देशन प्रक्रिया को जनतन्त्रात्मक बनाने के लिये आवश्यक है कि निर्देशन प्राप्त करने वाले व्यक्ति को अन्तिम निर्णय करने के लिये स्वतन्त्र छोड़ा जाये।

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shubham yadav

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