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सूक्ष्म पाठ नियोजन का क्या आशय है?
सूक्ष्म पाठ नियोजन(Micro Lesson Planning) – शिक्षण की धारणा में निरन्तर परिवर्तन हो रहा है। कभी समय था जबकि अध्यापक कक्षा में जाकर विद्यार्थियों को पाठ्य-पुस्तक में से पढ़ा देता था। निरीक्षक महोदय भी पाठ्य-पुस्तक के आधार पर अध्यापक के कार्य का निरीक्षण करते थे। सैद्धान्तिक रूप से अब इस धारणा में परिवर्तन हो गया है। यद्यपि व्यावहारिक रूप से आज भी अध्यापक कक्षा में जाकर पाठ्य-पुस्तक पढ़ाने को शिक्षण कार्य की इति मानते हैं। इसके लिए ये किसी पूर्व-तैयारी या योजना बनाने की आवश्यकता नहीं समझते। परन्तु वर्तमान परिस्थितियों में उत्तम शिक्षण पाठ के समुचित नियोजन एवं समुचित तैयारी पर निर्भर है। अतः उत्तम शिक्षण के लिए पढ़ाने से पूर्व पाठ योजना बना लेना और उसकी समुचित तैयारी कर लेना नितान्त आवश्यक है। योकम एवं सिप्पसन के अनुसार “सभी शिक्षकों द्वारा किसी न किसी प्रकार का पाठ नियोजन अवश्य कर लेना चाहिए क्योंकि इसके पूर्ण करने के कुछ निश्चित कार्य हैं, जो अच्छे शिक्षण के लिए अपरिहार्य है।”
सूक्ष्म पाठ नियोजन में तीन पद – सूक्ष्म, पाठ तथा नियोजन शामिल हैं। अतएव सूक्ष्म पाठ नियोजन के आशय को जानने के लिए इन तीनों पदों का अर्थ जानना वाँछित है।
सूक्ष्म का आशय (Meaning of Micro) – सूक्ष्म का आशय लघु, अन्य की तुलना में बहुत छोटे, आदि से है।
पाठ का आशय (Meaning of Lesson) – पाठ का आशय अधिगम या शिक्षण के एक खुण्ड से है। यह अध्ययन के पाठ्यक्रम का विभाजित खण्ड होता है।
नियोजन का अर्थ (Meaning of Planning) – किसी कार्य को क्रमबद्ध एवं सफलतापूर्वक करते हुए निर्धारित उद्देश्य अथवा लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन को योजना कहते हैं। इस योजना के निर्माण की प्रक्रिया को नियोजन कहते हैं। नियोजित ढंग से कार्य करना सुविधाजनक तथा नियमित होता है, योजना बनाकर कार्य करने से उस कार्य की अनुमानित रूपरेखा के सम्बन्ध में मार्गनिर्देशन प्राप्त होता है। इसलिए व्यक्ति को प्रत्येक कार्य को नियोजित ढंग से करना चाहिए। इसके लिए उसे किसी कार्य को प्रारम्भ करने से पूर्व उसकी योजना अवश्य बना लेनी चाहिए।
पाठ नियोजन का अर्थ (Meaning of Lesson Planning) –
वर्तमान समय में किसी भी शिक्षक से यह आशा की जाती है कि वह पाठ को योजना बनाकर ही पढ़ाए जिससे निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति हो सके। अत: कक्षा शिक्षण से पूर्व पाठ की योजना बनाना एक महत्वपूर्ण एवं आवश्यक कार्य माना जाता है। किसी भी शिक्षक-प्रशिक्षण संस्था में पाठ की योजना बनाना अवश्य सिखाया जाता है। अध्यापक द्वारा कक्षा शिक्षण हेतु पाठ की योजना बनाने की प्रक्रिया ही पाठ नियोजन कहलाती है। पाठ नियोजन का परिणाम ही पाठ योजना है।
सूक्ष्म पाठ नियोजन सूक्ष्म शिक्षण के लिए किया जाता है। सामान्यतया सूक्ष्म पाठ नियोजन कौशल विकास की दृष्टि से किया जाता है। सूक्ष्म पाठ नियोजन में वास्तविक स्थिति में 5 से 10 छात्रों को 5 से 10 मिनट तक थोड़ी विषय-सामग्री पढ़ाने की योजना बनायी जाती है जिससे शिक्षक कौशल का विकास करता है। सूक्ष्म पाठ नियोजन में कम विद्यार्थियों को कम समय में कम विषय-सामग्री का शिक्षण कराना तथा कौशल विकास करने का उद्देश्य होता है। वर्तमान समय में आधुनिक तकनीकें अपनाकर सूक्ष्म शिक्षण को निर्धारित किया जाने लगा है जिसमें प्रतिपुष्टि व पुनर्बलन हेतु पूर्ण अवसर मिलते हैं। इसमें कम समय में कौशल का विकास होता है।
शब्द माइक्रो ग्रीक भाषा से आता है जिसका अर्थ है “छोटा”। सूक्ष्म पाठ नियोजन एक लक्ष्य के आधार पर विशिष्ट पाठ की योजना बनाना है। इसमें किसी विषय-वस्तु के बिन्दु को चुनना और उसे पूरा करने के लिए पूर्ण पाठ का निर्माण करना शामिल है। विशिष्ट पाठ योजना में एक गतिविधि शामिल होती है, जो विषय को प्रस्तुत करती है या विषय- को स्वाभाविक रूप से बताती है, इसके बाद यह व्याख्या / पाठ को लिया जा सकता है। शिक्षकों ने कुछ गतिविधियों को विकसित किया है जो विद्यार्थियों को लक्ष्य बिन्दु का अभ्यास करने की अनुमति विशेष रूप से कौशल (बोलना, सुनना,पढ़ना, लेखन आदि) के माध्यम से देती है। शिक्षकों को एक संक्षिप्त गतिविधि की योजना बनानी चाहिए, जो पाठ को करीब से बताए। यह एक सरल वर्ग के रूप में अंतिम गतिविधि से अपने उत्तरों को साझा करने के लिए छात्रों से पूछने की योजना के रूप में हो सकती है।
सूक्ष्म पाठ नियोजन के गुण (Merits of Micro Lesson Planning)
सूक्ष्म पाठ नियोजन के कार्य में ऐसी कक्षाएं शामिल हैं जो सुचारु रूप से चलती हैं और जिनसे छात्र ऊबते नहीं हैं। यह नियोजन सुनिश्चित करता है कि आप हर कक्षा के लिए तैयार रहेंगे और आप जो भी स्थिति पैदा कर सकते हैं उसके लिए आपके हाथ में कई तरह की गतिविधियाँ होंगी।
1. पाठ के उद्देश्य और विषय-सामग्री के बारे में शिक्षक में जागरूकता आती है।
2. अध्यापक की मदद करने के लिए पाठ के विभिन्न चरणों में अंतर और उन दोनों के बीच के रिश्ते को देखने में सहायक है, ताकि पाठ आसानी से एक स्तर से दूसरे स्तर को स्थानांतरित हो सके।
3. यह नियोजन शिक्षक को उन संभावित समस्याओं की आशा करने के लिए अवसर देता है जो कक्षा में पैदा हो सकती हैं ताकि वे कुछ संभव समाधान या पाठ के लिए अन्य विकल्पों के साथ तैयार हो सकें।
4. शिक्षकों, विशेषकर नौसिखिया शिक्षकों को कक्षा में आत्मविश्वास प्राप्त होता है। सूक्ष्म पाठ नियोजन एक विशिष्ट इकाई या एक पाठ के लिए योजना होती है, जो आम तौर पर क्रमश: एक से दो सप्ताह या चालीस से पचास मिनट तक के लिए होती है। सूक्ष्म पाठ नियोजन व्यापक पाठ नियोजन के आधार पर होना चाहिए और व्यापक पाठ नियोजन को उपयुक्त बनाने के लिए पाठ के रूप में संशोधित होना चाहिए।
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