समाजशास्‍त्र / Sociology

भारत में बेरोजगारी के प्रमुख कारण तथा दूर करने के उपाय

भारत में बेरोजगारी के प्रमुख कारण
भारत में बेरोजगारी के प्रमुख कारण

भारत में बेरोजगारी के प्रमुख कारण

भारत में बेरोजगारी के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

1. जनसंख्या में तीव्र वृद्धि

भारत की जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है जिसके कारण विस्फोटक स्थिति उत्पन्न हो गयी है। यही कारण है कि भारत में श्रम शक्ति निरन्तर बढ़ती रही जिससे बेरोजगारी को जन्म दिया है।

2. मन्द आर्थिक विकास

आर्थिक विकास की दर देश में लक्ष्य के अनुरूप नहीं रही, जिसके कारण बेरोजगारी की समस्या ने विकराल रूप धारण किया है।

3. नियोजन में दोष

भारत में बेरोजगारी की समस्याओं का निदान करने के लिए योजनाओं में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। फलस्वरूप यह समस्या निरन्तर विकराल रूप धारण करती जा रही है।

4. पूँजीगहन परियोजनाओं पर जोर

भारत की पूँजी गहन परियोजनाओं पर विशेष बल दिया गया जिसके कारण विनियोग की मात्रा तो वृद्धि हुई किन्तु उसके अनुरूप रोजगार के अवसरों में वृद्धि नहीं हुई है। परिणामस्वरूप बेरोजगारी में वृद्धि हुई है।

5. कृषि का यन्त्रीकरण एवं एक फसली स्वरूप

वर्तमान समय में कृषि यन्त्रीकरण प्रोत्साहन हो रही है जिससे बेरोजगारी में वृद्धि हो रही है तथा कृषि में एक फसल पैदा होने के कारण कृषक वर्ष में लगभग 7 या 8 माह बेरोजगार रहते हैं।

6. प्राकृतिक आपदायें

भारतीय कृषि को मानसून का जुआ तो कहा ही कहा जाता है साथ ही साथ अन्य प्राकृतिक आपदायें जैसे बाढ़, सूखा एवं अन्य आपदाओं के कारण कृषि उत्पादन प्रभावित होता है फलस्वरूप बेरोजगारी में वृद्धि होती है।

7. कुटीर एवं अल्प उद्योगों का विकास

ब्रिटिश शासन की नीति में कुटीर एवं लघु उद्योगों का पतन हुआ। जिसके कारण इन उद्योगों में संलग्न व्यक्तियों को कृषि पर निर्भर रहना पड़ा या बेरोजगार होना पड़ा। स्वतन्त्रता के पश्चात इस दिशा में अनेक प्रयत्न तो किये गये किन्तु ये प्रयास मन्द गति से हुए जिसके कारण बेरोजगारी में निरन्तर वृद्धि होती गयीं।

भारत में बेरोजगारी को दूर करने के उपाय (Measures to Eredicate Unemployment in India)

भारत में बेरोजगारी को दूर करने के निम्नलिखित उपाय अपनाये गये-

1. जनशक्ति नियोजन-

किसी देश के लिए मानव पूँजी अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान रखती अतः इसका पूर्ण सदुपयोग किया जाना चाहिए। जनशक्ति के नियोजन के अभाव में कुछ प्रशिक्षित श्रमिक को रोजगार नहीं मिल पाता है तो कहीं विशिष्ट प्रकार के प्रशिक्षित श्रमिक उद्योगों को नहीं मिल पाते है। इस प्रकार बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए जनशक्ति नियोजन आवश्यक है।

2. जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण

बेरोजगारी को दूर करने के लिए जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण आवश्यक है तभी की पूर्ति दर को कम किया जा सकता है। बेरोजगारी दूर करने के लिए एक दीर्घकालीन उपाय है।

3. भूमि सुधार कार्यक्रमों का क्रियान्वयन

भारत में भूमि सुधार कार्यक्रमा जैसे कृषि की सीमा बन्दी एवं भूमि की चकबन्दी आदि का शीघ्र क्रियान्वयन किया जाना चाहिए।

4. बहुफसली कृषि को प्रोत्साहन

भारत में श्रमिकों को पूर्ण रोजगार प्रदान करने के लिए बहुफसली कृषि को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्नत बीजो, सिंचाई एवं खाद आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए।

5. ग्रामीण औद्योगीकरण को प्रोत्साहन

ग्रामीण क्षेत्रों की बेरोजगारी दूर करने के लिए कुटीर एवं लघु उद्योगों का विकास किया जाना चाहिए। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात, बैंकों एवं विद्युत आपूर्ति आदि सुविधाओं का विकास किया जाना चाहिए।

6. रोजगार उन्मुख नियोजन

देश में नियोजन करते समय रोजगार सृजन को प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए इस सम्बन्ध में जो नीतियाँ इस दिशा में बाधक दिखलाई देती हैं उन्हें शीघ्र ही हटा देना चाहिए।

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shubham yadav

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