समाजशास्‍त्र / Sociology

सामाजिक विघटन और वैयक्तिक विघटन में अन्तर बताइये|

सामाजिक विघटन और वैयक्तिक विघटन में अन्तर

सामाजिक विघटन तथा वैयक्तिक विघटन दोनों में घनिष्ठ संबंध होते हुए भी दोनों की प्रक्रियाओं में अन्तर है। जिसे निम्न प्रकार स्पष्ट किय जा सकता है –

1. सामाजिक विघटन की स्थिति में सम्पूर्ण समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति होना एक कठिन कार्य है जैसे युद्ध के समय सम्पूर्ण समाज की आवश्यकताओं को पूर्ण नहीं किया जा सकता है किन्तु वैयक्तिक विघटन में व्यक्ति के जीवन संगठन के नष्ट होने पर भी वह अपनी आवश्यकताएँ अनेक असामाजिक, गैर-कानूनी एवं अनैतिक कार्यों के द्वारा भी पूर्ण कर सकता है जैसे पुरुष अपराधी बनकर और स्त्री वैश्या बनकर या तस्कर बनकर या किसी गिरोह में शामिल होकर।

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2. सामाजिक विघटन सम्पूर्ण सामजिक प्रक्रिया, संरचना, संगठन एवं सामाजिक सम्बन्ध में गम्भीर परिवर्तन के फलस्वरूप उत्पन्न होता है जबकि वैयक्तिक विघटन के लिए वह आवश्यक नहीं है। हालाँकि व्यक्ति के ऊपर समाज का प्रभाव पड़ता है फिर भी वैयक्तिक विघटन वैयक्तिक कारकों में भी प्रभाव डालता है। व्यक्तिगत असफलता एवं संकट इसके उदाहरण हैं।

3. वैयक्तिक विघटन अचानक और धीरे अथवा तीव्र ढंग से भी हो सकता है किन्तु सामाजिक विघटन सामान्यतः धीरे-धीरे ही घटित होता है।

4. वैयक्तिक विघटन असामाजिक, अनैतिक, गैर-कानूनी व्यवहारों और आचरणों को व्यक्त करता है, जबकि सामाजिक विघटन सामाजिक सम्बंधों के टूटने और बनने की प्रक्रिया को व्यक्त करता है। इस टूटने और बनने की प्रक्रिया में अनेक प्रकार के तनाव अलगाव, मतभेद, संघर्ष आदि उत्पन्न होते हैं, किन्तु वैयक्तिक विघटन के लिए यह आवश्यक नहीं है।

5. वैयक्तिक विघटन अपने चरमोत्कर्ष रूप में आकर प्रकट होता है जैसे आत्महत्या, पागलपन, मदिरापान, आदि। जबकि सामाजिक विघटन की प्रक्रिया अगर गतिशील भी है तो वह कितनी है इसका अनुमान लगाना कठिन कार्य है।

6. सामाजिक विघटन सम्पूर्ण देश को हानि पहुँचाता है जबकि वैयक्तिक विघटन स्वयं व्यक्ति के लिए अथवा उसके परिवार के लिए घातक सिद्ध होता है। इसलिए एक का क्षेत्र अधिक व्यापक है जबकि दूसरे का संकुचित है।

7. आर्थिक सामाजिक असुरक्षा, निराशा, कुष्ठाएँ, उससे उत्पन्न बेरोजगार, एकाकीपन वैयक्तिक के लिए उत्तरदायी है। जबकि सामाजिक विघटन के लिए ये उत्तरदायी भी हो सकते हैं और नहीं भी।

8. वास्तव में सामाजिक विघटन का सम्बन्ध सामाजिक संरचना, संगठन एवं प्रक्रिया से है जबकि वैयक्तिक विघटन वैयक्तिक भावना और जीवन संगठन से सम्बन्धित होता है।

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shubham yadav

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