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राष्ट्रीय एकता के निर्माण में छात्र की भूमिका ।

राष्ट्रीय एकता के निर्माण में छात्र की भूमिका
राष्ट्रीय एकता के निर्माण में छात्र की भूमिका

राष्ट्रीय एकता के निर्माण में छात्र की भूमिका ।

छात्र संरचना से उसका शिक्षित होना निहित है। विशेषतः उच्च कक्षाओं के छात्रों से यह अपेक्षित है कि वे शिक्षित हों तथा उनका चिन्तन तथा विश्लेषण सामान्य लोगों की तुलना में अधिक परिपक्व एवं उदार हो। उनके बौद्धिक एवं तार्किक चिन्तन की भी अपेक्षा की जाती है।

शिक्षित होने के सभी लक्षण राष्ट्रीय एकता मूलभूत आधार रूप योग्यताओं में भी पाये जाते है। अतः हम देखते है कि शिक्षित व्यक्ति की मानसिक पृष्ठभूमि राष्ट्रीय एकता के विकास के लिए अनुकूल होती है। अतः यह कहना भी उचित होगा कि छात्रों पर यह अपेक्षित है कि वे राष्ट्र में एकता स्थापित करने एवं उसके अनुकूल वातावरण बनाने में उत्तरदायित्वपूर्ण सहयोग दें।

छात्र का यह दायित्व है कि वे धार्मिक, जातीय, भाषाई, तथा अन्य संकीर्णताओं से उपर उठें तथा छात्र अपने सम्पर्क में आने वाले लोगों को उसके लिए शिक्षित एवं प्रेरित करें कि इन भावनाओं से कहीं महान एवं महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एकता की भावना है।

छात्र जीवन में राष्ट्रीय एकता की भावना को विकसित करने का अधिक अवसर प्राप्त होगा क्योंकि विद्यार्थी जीवन में तथा खेल के मैदान में वह विभिन्न प्रकार के साथियों से मिलता है। जिनकी जाति, धर्म, भाषा आदि परस्पर भिन्न होती है।

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shubham yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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