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राष्ट्रीय एकता में अध्यापक की भूमिका ।
राष्ट्रीय एकता के लिए अध्यापक की भूमिका – अध्यापक अपने व्यक्तित्व और कर्तव्य से प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों रूप में बालक के जीवन और जीवन आदर्शों एवं भावनाओं को प्रभावित करता है। राष्ट्रीय एकीकरण के लिए हम शिक्षा के उद्देश्यों में तथा पाठ्यक्रम में चाहे जितना भी होगा। सुधार करें या महत्व दें बिना योग्य अध्यापक के उन उद्देश्यों को प्राप्त करना असम्भव
अध्यापक का स्वयं का व्यवहार एवं चरित्र बालकों के लिए आदर्श होता है। अतः अध्यापक स्वयं जातीयता, क्षेत्रीयता, भाषायी, अलगाव एवं धार्मिक संकीर्णता से ऊपर उठकर एक आदर्श प्रस्तुत कर सकता है। जिससे बालक उनका अनुकरण एवं अनुसरण कर सकें। राष्ट्रीय एकता सम्बन्धी निबन्ध प्रतियोगिताद्ध वाद विवाद प्रतियोगिता, नाटक, लोकगीत, प्रदर्शनी आदि का आयोजन करके भी अध्यापक राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास कर सकता है।
शैक्षिक भ्रमण द्वारा भी विभिन्न स्थानों, संस्कृति एवं रिवाजों से परिचित कराकर अध्यापक छात्रों के मन में उसके प्रति उदात्त भाव भर सकता है जिससे राष्ट्रीय एकता में सहायता मिलती हैं। इस प्रकार राष्ट्रीय एकता के निर्माण में अध्यापक की अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका है।
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