अनुक्रम (Contents)
शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का अनुप्रयोग (Application of Information and Communication Technology in Education)
शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का अनुप्रयोग- सामान्य रूप में शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी के अनुप्रयोगों पर विचार किया जाये. तो यह स्पष्ट होता है कि इसके द्वारा एक ओर शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रभावी बनाया गया है वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को विषयगत दायित्वों को पूर्ण करने में भी सहायता प्रदान की गयी है। वर्तमान समय में शिक्षक, शिक्षार्थी एवं शिक्षा जगत् से सम्बद्ध प्रत्येक व्यक्ति सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी के अभाव में अपनी ज्ञाने पिपासा को शान्त नहीं कर सकता। सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का प्रयोग व्यापकता ग्रहण कर रहा है। आज एक ही विषय पर अनेक विद्वानों के विचारों को इण्टरनेट, फोन एवं सी.डी. के माध्यम से प्राप्त करके इन विचारों को इण्टरनेट, फोन एवं सी.डी. के माध्यम से प्राप्त करके इन विचारों के मन्थन के आधार पर ही एक नियम का निर्माण किया जा सकता है तथा एक विषय को पूर्णता प्रदान की जा सकती है। सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी के माध्यम से प्रत्येक विषय पर समाकलित एवं सार्थक विचारों का सृजन होता है क्योंकि सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी मानव के समक्ष किसी एक विषय पर समग्र विचार प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती है; जैसे- शिक्षण विधियों एवं प्रविधियों पर एक ही विचार वर्तमान में प्रचलित है कि बालकेन्द्रित शिक्षण विधियाँ एवं गतिविधियाँ आधारित शिक्षण ही बालकों को स्थायी अधिगम प्रदान कर सकता है। इस प्रकार की समाकलित भावना सम्पूर्ण वैश्विक शिक्षा जगत में प्रचलित है। इस प्रकार सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी समस्त विषयों पर समाकलित विचार तथा विषय का समाकलन प्रस्तुत करती है। अतः शिक्षा सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी के अनुप्रयोगों को निम्नलिखित रूप में से स्पष्ट किया जा सकता है-
(i) विषय का विकास
(ii) विषय की पूर्णता
(iii) विषयगत् प्रस्तुतीकरण
(iv) शिक्षण विधियों का समाकलन
(v) सैद्धान्तिक समाकलन।
- सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का प्रारम्भ
- सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी के लिए आवश्यकताएँ
- शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का महत्व
शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का क्षेत्र (Scope of Information and Communication Technology in Education)
वर्तमान युग में सूचना और सम्प्रेषण तकनीकी इतनी समृद्ध और शक्तिशाली होती जा रही है। कि बिना इसका अध्ययन किये छात्राध्यापकों का शिक्षण सम्बन्धी ज्ञान या उनके परीक्षण तथा प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान और कौशल अधूरे समझे जाते हैं। सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी ने शिक्षा के क्षेत्र में पुरानी अवधारणों में आधुनिक सन्दर्भ के साथ अभूतपूर्व क्रान्तिकारी परविर्तन कर उन्हें एक नवीन स्वरूप प्रदान किया है। इस प्रकार सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का क्षेत्र बहुत व्यापक है। इसके अन्तर्गत शिक्षण प्रक्रिया में सम्मिलित की जाने वाली सामग्री का निर्धारण और इसके कार्य क्षेत्र की सीमाओं का निर्धारण करना सम्मिलित है। शिक्षा के क्षेत्र में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का कार्य क्षेत्र निम्नवत् है
(i) शैक्षिक लक्ष्यों या उद्देश्यों का निर्धारण
(ii) शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का विश्लेषण
(iii) व्यूह रचनाओं और युक्तियों का चयन
(iv) दृश्य-श्रव्य सामग्री का चयन, उत्पादन और उपयोग
(v) पृष्ठ-पोषण में सहायक
(vi) प्रणाली उपागम का उपयोग
(vii) शिक्षक प्रशिक्षण
(viii) सामान्य व्यवस्था, परीक्षण और अनुदेशन में उपयोग
(ix) मशीनों और जन-सम्पर्क माध्यमों का उपयोग
इसी भी पढ़ें…
- अभिप्रेरणा क्या है ? अभिप्रेरणा एवं व्यक्तित्व किस प्रकार सम्बन्धित है?
- अभिप्रेरणा की विधियाँ | Methods of Motivating in Hindi
- अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार
- अभिप्रेरणा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
- अभिक्रमित अनुदेशन का अर्थ, परिभाषाएं, प्रकार, महत्त्व, उपयोग/लाभ, सीमाएँ
- शाखीय अभिक्रमित अनुदेशन (Branching Programmed Instruction)
- स्किनर का क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत
- पुनर्बलन का अर्थ | पुनर्बलन के प्रकार | पुनर्बलन की सारणियाँ
- अनुकूलित-अनुक्रिया को नियन्त्रित करने वाले प्रमुख कारक
- पावलॉव का अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त | पावलॉव का सिद्धान्त
- सीखने की विभिन्न विधियाँ | सीखने के क्षेत्र या अधिगम के क्षेत्र | अधिगम के व्यावहारिक परिणाम
- अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा | Meaning and Definitions of Learning in Hindi
- अधिगम की प्रकृति क्या है? | What is the nature of learning in Hindi
- अधिगम के नियम, प्रमुख सिद्धान्त एवं शैक्षिक महत्व
- शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ, परिभाषा ,क्षेत्र ,प्रकृति तथा उपयोगिता
- वैश्वीकरण क्या हैं? | वैश्वीकरण की परिभाषाएँ
- संस्कृति का अर्थ एवं परिभाषा देते हुए मूल्य और संस्कृति में सम्बन्ध प्रदर्शित कीजिए।
- व्यक्तित्व का अर्थ और व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक