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मानव जीवन में शिक्षा का महत्त्व
व्यक्ति से सम्बन्धित कार्य (Functions relating to individual) – शिक्षा के महत्त्व के रूप में शिक्षा के व्यक्ति से सम्बन्धित कार्य निम्नलिखित हैं-
(1) आन्तरिक शक्तियों का विकास (Development of innate powers) – शिक्षा मनुष्य की अन्तर्निहित शक्तियों का समुचित विकास करती है, जिससे वह कल्पना, तर्क अथवा जिज्ञासा द्वारा नवीन योगदान दे सके। शिक्षा द्वारा उसकी आन्तरिक शक्ति का पूर्ण लाभ उठाया जा सकता है।
(2) व्यक्तित्व का उचित विकास (Proper development of personality) – शिक्षा द्वारा व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है, जैसे- शारीरिक, मानसिक, धार्मिक, नैतिक, आध्यात्मिक, संवेगात्मक आदि ।
(3) भावी जीवन हेतु तैयारी (Preparation for future life)- शिक्षा व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करके उसे प्रत्येक क्षेत्र में सक्षम बनाती है। इससे व्यक्तिगत, सामाजिक, राजनैतिक, पारिवारिक जीवन सुखमय तथा आनन्दमय व्यतीत होता है।
(4) नैतिक उत्थान (Moral development) – चरित्र को उच्च स्थान दिया जाता है। शिक्षित व्यक्ति अच्छे-बुरे कार्यों में आसानी से भेद कर लेता है, फलस्वरूप वह बुरी प्रवृत्तियों से बचने का प्रयास करता है और दूसरों को भी ऊँचा उठाने का प्रयास करता है।
(5) मानवीय गुणों का विकास (Development of human virtues)– शिक्षा के द्वारा घृणा, द्वेष, क्रोध एवं लालच आदि से छुटकारा मिल जाता है तथा सद्भावना, प्रेम, सहकारिता, दया आदि का विकास होता है।
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