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आतंकवाद कितने प्रकार का होता है ?
वर्तमान समय में आतंकवाद का क्षेत्र इतना व्यापक हो गया है कि समाज का कोई भी अंग इससे अछूता नहीं बचा है। इस कारण वर्तमान समाज में आतंकवाद अपने अनेक प्रकारों अथवा विभेदों में समाज विद्यमान है। इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन निम्न प्रकार है-
1. आतंकवादियों के उद्देश्य की दृष्टि से आतंकवाद के दो रूप बताये गये हैं.
(i) धनात्मक अथवा भावात्मक आतंकवाद
इस श्रेणी के आतंकवादियों का मूल उद्देश्य समाज के किसी व्यापक हित अथवा लक्ष्य की पूर्ती करना होता है। दूसरे शब्दों में इस श्रेणी का आतंकवाद कल्याणकारी प्रकृति का होता है। विदेशी शासकों से स्वदेश को स्वतंत्र कराने के लिये किया गया आतंकवाद इसी श्रेणी के अंतर्गत आता है। हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में उग्र स्वतंत्रता सेनानियों, जिन्हें हमारे देश में क्रान्तिकारी कहा गया की गतिविधियाँ भावात्मक आतंकवाद का उदाहरण है।
(ii) ऋणात्मक अथवा अभावात्मक आतंकवाद
इस श्रेणी का आतंकवाद कल्याणकारी प्रकृति का नहीं होता इस प्रकार के आतंकवादियों का मूल उद्देश्य समाज के व्यापक हितों की उपेक्षा कर अपने किसी स्वार्थ की सिद्धि करना होता है। इस श्रेणी का आतंकवाद देश की प्रगति एकता एवं अखण्डता के लिये गंभीर खतरा है।
2. आतंकवादियों के प्रेरकों की दृष्टि से महेन्द्र वेद ने आतंकवाद के निम्न पाँच प्रकार बताये हैं –
(i) राज्य द्वारा प्रवर्तित
इस तरह का आतंकवाद अधिकांशतः एक निर्बल राष्ट्र द्वारा प्रयोजित किया जाता है।
(ii) गुट द्वारा प्रवर्तित
इस श्रेणी का आतंकवाद राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी राजनीतिक गुट द्वारा प्रायोजित किया जाता है जो राज्य प्रतिरोध पृथकतावादी आन्दोलन के रूप में उत्पन्न होता है।
(iii) विवाद प्रेरित
इस प्रकार का आतंकवाद किसी मुद्दे जैसे चुनाव में विजय, भूमि संघर्ष, विचारों पर निषेध आदि से प्रेरित होता हैं।
(iv) अपराध सम्बन्धित
इस तरह का आतंकवाद आतंक फैलाने के लिये हिंसा को साधन के रूप में प्रयोग करता है तथा जिससे प्रेरणा हेतु धन का प्रयोग किया जाता है।
(v) नाकों –
इस तरह का आतंकवाद धन के लिये मादक पदार्थों का धंधा अथवा समर्थन करता है।
3. आतंकवाद के क्षेत्र की दृष्टि से ‘सामाजिक विज्ञान ‘हिन्दी विश्व कोश’ में आतंकवाद के तीन प्रकार बताये गये हैं –
(i) राजनीतिक आतंकवाद (ii) आपराधिक आतंकवाद (iii) राजनीति प्रेरित एवं धार्मिक आतंकवाद।
आतंकवाद के क्षेत्रों की दृष्टि से ही एक अन्य वर्गीकरण में आतंकवाद के तीन प्रकार बताये गये हैं –
(i) हवाई आतंकवाद (ii) कूटनीतिक आतंकवाद (iii) सरकारी आतंकवाद
आतंकवादी कार्यों में युद्ध कौशल एवं उपाय की दृष्टि से डॉ. नन्द किशोर ने आतंकवाद को निम्न पाँच भागों में बाँटा है-
(i) बन्धक
आतंकवादी क्रियाओं की इस विधि में किसी विशेष स्थान जैसे किसी सरकारी भवन, पार्टी कार्यालय, धार्मिक स्थल को नियन्त्रण में लेकर उसमें कार्यरत अथवा रहने वाले लोगों सहित बन्धक बना लिया जाता है एवं उसे मुक्त करने के बदले सरकार पर अपनी कतिपय मांगों के लिये दबाव डाला जाता है।
(ii) अपहरण
इस प्रकार के आतंकवाद में आतकंवादी किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति को पकड़कर किसी गुप्त स्थान पर रखते हैं एवं उसे मुक्त कराने के लिये सरकार पर अपनी शर्तों को मानने हेतु दबाव बनाते हैं।
(iii) आक्रमण
अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिये आतंकवादी किसी महत्वपूर्ण स्थन जैसे व्यापारिक प्रतिष्ठान, दूतावास आदि पर बम गिराकर अथवा अग्निकाण्ड के रूप में आक्रमण कर देते हैं।
(iv) बलान्नयन
हाईजैकिंग आतंकवादी क्रियाओं की वह विधि है जिसमें यातायात के साधनों जैसे- जलयान, हवाई जहाज, बसों आदि को अपने कब्जे में लेकर अपने मनचाहे स्थान पर ले जाते हैं तथा उन बन्धकों को मुक्त करने के बदले सरकार से अपनी माँगों को मानने के लिये दबाव डालते हैं।
(v) गप्तघात
कभी-कभी आतंकवादी समाज एवं सरकार को आतंकित करने के उद्देश्य से किसी महत्वपूर्ण स्थान जैसे- दूतावास, व्यापारिक प्रतिष्ठान आदि पर बम गिराकर अथवा अग्निकांड के रूप में आक्रमण कर देते हैं।
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