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संवेग तथा आवेग में अंतर | Difference Between Momentum and Impules in Hindi

संवेग तथा आवेग में अंतर | Difference Between Momentum and Impules in Hindi

संवेग तथा आवेग में अंतर | Difference Between Momentum and Impules in Hindi | आवेग और संवेग में अंतर | Difference Between Momentum and Impules :- -आज Currentshub.Com आपके भौतिक विज्ञान के अंतर्गत आने वाले वाला एक  महत्वपूर्ण टॉपिक संवेग तथा आवेग में अंतर लेकर आए हुए हैं। आशा करता हुँ कि यह पोस्ट पढ़कर आप संवेग तथा आवेग में अंतर | Difference Between Momentum and Impules in Hindi | आवेग और संवेग में अंतर | Difference Between Momentum and Impulesको आप अच्छी तरीके से समझ पाएंगे।

संवेग तथा आवेग में अंतर

संवेग तथा आवेग में अंतर

संवेग (Momentum)

  • किसी वस्तु के द्रव्यमान व वेग के गुणनफल को वस्तु का संवेग कहते है।

संवेग= द्रव्यमान x वेग

  • संवेग एक सदिश राशि है, जिसकी दिशा वही होती है जो वस्तु के वेग की दिशा होती है। संवेग p का मात्रक किग्रा-मी/से. अथवा न्यूटन -सेकण्ड होती है।
  • समान वेग से गतिशील भारी व एक हल्की वस्तु का संवेग अधिक होगा।
  • यदि एक भारी वस्तु व एक हल्की वस्तु के संवेग समान हो, तो हल्की वस्तु का वेग भारी वस्तु के वेग से अधिक होगा।

संवेग का संरक्षण नियम (Principal of Conservation of Momentum)

  • यदि दो या दो से अधिक वस्तुओं के निकाय पर कोई बाह्य बल आरोपित न हो तो निकाय का संपूर्ण संवेग अपरिवर्तित रहता है। इसे संवेग संरक्षण का नियम कहते है। यह गति के द्वितीय नियम का ही एक निष्कर्ष है। गति के नियम के अनुसार किसी निकाय का संवेग-परिवर्तन-बल x समय -अन्तराल संवेग-संरक्षण का नियम तथा गति का तृतीय नियम परस्पर पर्यायवाची है।

संवेग संरक्षण नियम के उदाहरण

1. बंदूक से गोली चलाने पर पीछे की ओर झटका कम लगना। इसका कारण यह है कि बंदूक का द्रव्यमान गोली से अधिक होता है जिससे बंदूक के पीछे हटने का वेग गोली के वेग से बहुत कम होता है।

2. राकेट का ऊपर जाना भी संवेग संरक्षण नियम पर आधारित है।

3. जब बराबर संवेग वाली दो गेदों आपस में टक्कर मारती है तो गेंद अचानक रूक जाती है। यहां निकाय (दोनो गेदों) का कुछ संवेग के पूर्व शून्य है व टक्कर के बाद पुनः से शून्य हो जाती है व निकाय का कुछ संवेग नियत हो जाती है।

आवेग (Impulse)

यदि कोई बल किसी वस्तु पर कम समय तक कार्यरत् रहे तो बल व समय-अंतराल के गुणनफल को उस वस्तु का आवेग कहते है। किसी वस्तु के संवेग में उत्पन्न परिवर्तन को आवेग कहा जाता है।

आवेग = संवेग-परिवर्तन = बल x समय-अंतराल

  • यह एक सदिश राशि है। इसका SI मात्रक न्यूटन-से./किग्रा-मी/से. होता है।

दैनिक जीवन में आवेग के उदाहरण

A. ऊंचाई से कूदनाः यदि कुछ ऊंचाई से पक्के फर्श पर कूदा जाये, तो फर्श द्वारा पैर को दिये गये आवेश के कारण संवेग अचानक शून्य हो जायेगा। यह आवेग एक बड़े बल का होगा जिसके कारण पैर में चोट लग जायेगी। परंतु यदि फर्श पर मिट्टी व गद्दा बिछा ले, तो पैर उसमें धंसेगे तथा संवेग के शून्य होने मे कुछ देर लगेगी। अतः अब पैर का उतना ही आवेश एक छोटे बल से मिलेगी जिससे कि पैर मे चोट नही आयेगी। यही कारण है कि कुश्ती लड़ने के अखाड़ो में मिट्टी भरी जाती है।

B. क्रिकेट की गेंद का कैच लेनाः खिलाड़ी क्रिकेट की गेंद को कैच लेते समय अपना हाथ पीछे खीचता है। इसका कारण है कि जब खिलाड़ी गेद को रोक लेता है, तो गेंद का संवेग शून्य हो जाता है। इस संवेग परिर्वतन के लिए खिलाड़ी गेंद को जितने अधिक समय मे रोकेगा, आवेग देने के लिए उसे उतना ही कम बल लगाना पड़ेगा। इसलिए वह गेद के अंगुलियो के बीच में आते ही अपना हाथ पीछे की ओर खीचता है जिससे की वह गेंद पर अधिक समय तक बल लगा सके। यदि वह अपने हाथ को पीछे नही खीचे, तो गेंद हथेली से टकराकर ही ठहर जायेगी |अर्थात् उसका संवेग अचानक शून्य हो जायेगा। अतः खिलाड़ी को बहुत अधिक बल लगाना पड़ेगा जिससे उसके हाथ मे चोट आने का भय रहेगा।

C. दोपहिया व 04 पहिया वाहनों में आघात अवशोषकों का उपयोग: जब कोई दोपहिया या चारपहिया वाहन एक असमतल मार्ग पर चलता है, तो इस पर काफी झटके लगते है, आघात अवशोषको के उपयोग से झटकों का अंतराल बढ़ जाने के कारण आवेगी बल घट जाता है। फलत: इन गाड़ियों में बैठे यात्रियों को कम झटके महसूस होते है।

संवेग तथा आवेग में अंतर

संवेग (Momentum)

आवेग (Impules)

1. संवेग वस्तु के द्रव्यमान व उसके वेग का गुणनफल है। 1. आवेग आरोपित बल व बल के कार्य करने के समय का गुणनफल होता है।
2. संवेग = द्रव्यमान x वेग 2. आवेग = बल x समय
3. यह एक सदिश राशि है। 3. यह भी सदिश राशि है।
4.इसका मात्रक किग्रा मी/से. होता है। 4.इसका मात्रक भी किग्रा मी/से. है।
5. यह वस्तु द्वारा तय किये गये मार्गों पर निर्भर करती है। 5. यह वस्तु द्वारा तय किये गये मार्गों पर निर्भर नहीं करती है

तो दोस्तों, शायद अब आपको “संवेग तथा आवेग में अंतर | Difference Between Momentum and Impules in Hindi | आवेग और संवेग में अंतर | Difference Between Momentum and Impules,” का कांसेप्ट अच्छे से समझ आ गया होगा, यदि कोई डाउट हो तो आप कमेंट या मेल के माध्यम से अपना डाउट क्लियर कर सकते हैं|

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shubham yadav

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