B.Ed./M.Ed.

पाठ्यक्रम निर्माण को प्रभावित करने वाले तत्त्व | Factors Affecting Curriculur Development in Hindi

पाठ्यक्रम निर्माण को प्रभावित करने वाले तत्त्व
पाठ्यक्रम निर्माण को प्रभावित करने वाले तत्त्व

पाठ्यक्रम निर्माण को प्रभावित करने वाले तत्त्व (Factors Affecting Curriculur Development)

शिक्षा प्रदान करने में सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान पाठ्यक्रम का है यदि पाठ्यक्रम का नियोजन सुन्दर अथवा अच्छे ढंग से होता है तो शिक्षा अपने उद्देश्य प्राप्त करने में सफल होती है, परन्तु यदि पाठ्यक्रम के नियोजन में लापरवाही और अशुद्ध धारणा को स्थान दिया जाता है तो असफलता निश्चित होती है। ब्रिग्स महोदया के कथनानुसार, “शिक्षा की मूल समस्या पाठ्यक्रम की है, पाठ्यक्रम की समस्या एक मुख्य समस्या है।” पाठ्यक्रम निर्माण करना अत्यन्त गम्भीर विषय है क्योंकि इसी पर शिक्षा के विभिन्न उद्देश्य निर्भर करते हैं। पाठ्यक्रम निर्माण को प्रभावित करने वाले तत्त्व निम्नलिखित हैं-

(1) मनोविज्ञान तत्त्व (Psychological Factors)- मनोविज्ञान ने आधुनिक काल में अत्यन्त प्रगति की है। इस प्रगति के कारण पाठ्यक्रम का निर्माण नवीन विधियों द्वारा किया जाता है जो शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता देती है जो निम्नलिखित हैं-

(i) मनोवैज्ञानिक विकास होने के कारण बालक का पाठ्यक्रम निर्धारित करने से पहले औसत बालकों की प्रकृति, उसकी स्वाभाविक प्रवृत्तियों, उसकी मूल आवश्यकताओं तथा प्रेरणा इत्यादि का ध्यान रखा जाता है।

(ii) पाठ्यक्रम निर्माण में ऐसी बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए जिसमें बालक की रुचियों व स्वाभाविक प्रवृत्तियों का विकास किया जा सके क्योंकि बालकों की रुचियों व स्वाभाविक प्रवृत्तियों द्वारा पाठ्यक्रम प्रभावित होता है।

(iii) मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार बालकों की शिक्षा में खेलकूद का स्थान मुख्य होना चाहिए। यदि खेलकूद का स्थान नहीं होगा तो पाठ्यक्रम रुचिपूर्ण नहीं हो पाएगा।

(iv) पाठ्यक्रम निर्माण करते समय बालकों की रुचियों को ध्यान में रखा जाना चाहिए अर्थात् यदि पाठ्यक्रम रुचिपूर्ण होगा तो बालक उसे समझने में ज्यादा समय प्रदान करेगा। अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है क्योंकि बालक की रुचि व मानसिकता बालक के पाठ्यक्रम को अतः मनोवैज्ञानिक तत्त्वों में बालक की मानसिकता, रुचि इत्यादि का ध्यान रखना प्रभावित करती है।

(2) सामाजिक तत्त्व (Social Factors) – पाठ्यक्रम निर्माण में समाज का महत्त्वपूर्ण स्थान है बिना समाज के प्रभाव के व्यक्ति द्वारा कुछ सीखा नहीं जा सकता है, क्योंकि बालकों को शुरू से अन्त तक समाज में ही जीवन व्यतीत करना पड़ता है। अतः पाठ्यक्रम निर्माण को सामाजिक तत्त्व निम्न रूप से प्रभावित करते हैं-

(i) बालक के जिस भी पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाए वह सामाजिक मान्यताओं के अनुकूल होना चाहिए।

(ii) पाठ्यक्रम निर्माण में वह विषय शामिल किये जायें, जिनके द्वारा बालकों की सामाजिक भावना का विकास किया जा सके।

(iii) पाठ्यक्रम निर्माण के सामाजिक तत्त्व को देखा जाता है कि पाठ्यक्रम सामाजिक परम्पराओं अथवा संस्कृति को संक्रमित न करे।

(iv) पाठ्यक्रम का निर्माण शिक्षा के उन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए होना चाहिए, जो समाज व संस्कृति के संकलन के लिए आवश्यक है; जैसे- भाषा, साहित्य, इतिहास, विज्ञान आदि।

(v) पाठ्यक्रम निर्माण में ऐसे विषय शामिल करने चाहिए जो समाज उत्थान की भावना को जाग्रत कर सकें।

(vi) पाठ्यक्रम निर्माण में लचीलापन अवश्य होना चाहिए जिसे समय के साथ-साथ बदला जा सके।

(vii) पाठ्यक्रम निर्माण की हर पीढ़ी के जीवन के आदर्श व मूल्यों के नए अनुभवों को सम्मिलित किया जाना चाहिए।

अतः पाठ्यक्रम निर्माण में कठोरता या अपरिवर्तित रूप नहीं होना चाहिए। पॉल मुनरो के अनुसार, ” पाठ्यक्रम को बालक के सम्मुख आदर्श रूप में वर्तमान जीवन, वर्तमान सामाजिक क्रियाओं, वर्तमान नैतिक आकांक्षाओं, पूर्वकाल की संस्कृत के मूल्य की वर्तमान काल की रसानुभूति के रूप में रखना चाहिए।”

(3) वैज्ञानिक तत्त्व (Scientific Factors)- वर्तमान समय में विज्ञान ने अत्यन्त प्रगि की है। जीवन का शायद ही कोई ऐसा पहलू हो जिस पर वैज्ञानिक प्रभाव न पड़ा हो। वैज्ञानिक विषयों को अधिक महत्त्व देने वाले प्रतिपादक हरबर्ट स्पेन्सर महोदय शिक्षा का मुख्य उद्देश्य पूर्ण जीवन के लिए तैयारी मानते हैं।

इसी भी पढ़ें…

Disclaimer: currentshub.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है ,तथा इस पर Books/Notes/PDF/and All Material का मालिक नही है, न ही बनाया न ही स्कैन किया है। हम सिर्फ Internet और Book से पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है। यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- currentshub@gmail.com

About the author

shubham yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment