समाजशास्‍त्र / Sociology

अपराध तथा अपराधी का वर्गीकरण आप किस प्रकार करेंगे ?

अपराध तथा अपराधी का वर्गीकरण
अपराध तथा अपराधी का वर्गीकरण

अपराध तथा अपराधी का वर्गीकरण

अपराध तथा अपराधी का वर्गीकरण- अपराध व अपराधी अनेक प्रकार होते हैं। अतः विभिन्न दृष्टिकोणों से इनके कई वर्गीकरण किये गये हैं। कोई भी वर्गीकरण अन्तिम व सर्वमान्य नहीं है। कतिपय लोकप्रिय वर्गीकरण निम्नलिखित हैं:

अपराध का वर्गीकरण

1. अपराध की गम्भीरता पर आधारित वर्गीकरण- अपराध की गम्भीरता को दृष्टि में रखकर अपराध को दो भागों में बांटा गया है – (i) हल्के-फुल्के अपराध (Misdemeanors), (ii) गम्भीर अपराध (Felony) । हल्के-फुल्के अपराध वे अपराध कहे जाते हैं जिनके प्रति समाज की प्रतिक्रिया उग्र नहीं होती।

2. बोंजर का वर्गीकरण – अपराध के उद्देश्य की दृष्टि से बोंजर ने अपराध को चार भागों में विभाजित किया है : (i) आर्थिक अपराध जैसे – चोरी, जालसाजी, गबन, (ii) यौन अपराध जैसे. बलात्कार, (iii) राजनैतिक अपराध जैसे देश-द्रोह, (iv) विविध अपराध जैसे हत्या करना, मकान में आग लगाना आदि ।

3. हेज का वर्गीकरण – (i) व्यवस्था के विरुद्ध अपराध जैसे- दंगा करना, शराब पीकर सड़क पर चलना, (ii) सम्पत्ति के विरुद्ध अपराध जैसे चोरी, गबन, जालसाजी आदि, (iii) व्यक्ति के विरुद्ध अपराध जैसे बलात्कार, हत्या आदि।

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अपराधी का वर्गीकरण

सामान्यतः अपराधी वह व्यक्ति है जो कानून का उल्लंघन करता है किन्तु अपराधी के लिए कानून का उल्लंघन करना ही पर्याप्त नहीं है। अपराधी होने के लिए यह आवश्यक है कि कानून का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति पकड़ा जाये और न्यायालय में उसका अपराध प्रमाणित हो जाये।

1. लोम्ब्रासो का वर्गीकरण – लोम्ब्रासो ने अपराधियों के चार प्रकार बताये हैं-

(i) जन्मजात अपराधी- जन्मजात अपराधी अपराध की प्रवृत्ति माता-पिता से प्राप्त करते हैं। इनके स्वभाव और रक्त में अपराध निहित होता है। इन्हें अपराध सीखना नहीं होता।

(ii) अपस्मारी अपराधी- इन्हें पागल अपराधी भी कहा जाता है। इनमें मानसिक स्थिरता तथा बौद्धिक सन्तुलन का अभाव होता है। इनकी संकल्प शक्ति क्षीण होती है।

(iii) कामुक अपराधी- इस प्रकार के अपराधी वासना के वशीभूत होकर अपराध करते हैं। यह वासना यौन व्यवहार या राजनीतिक सत्ता किसी से भी सम्बन्धित हो सकती है। ऐसे अपराधी आत्म नियन्त्रण में कमजोर और असफल होते हैं।

(iv) आकस्मिक अपराधी- आकस्मिक अपराधी परिस्थितिवश कभी-कभी अपराध करते हैं। इन्हें लोम्ब्रासो मिथ्यावादी, आदतन अपराधी, पतित अपराध तुल्य की श्रेणी में रखते हैं।

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2. हेज का वर्गीकरण- हेज ने अपराधियों को चार भागों में बांटा है-

(i) प्रथम अपराधी- प्रथम अपराधी वे अपराधी हैं जिन्होंने पहली बार अपराध किया है।

(ii) आकस्मिक अपराधी- ऐसे अपराधी कभी-कभी अपराध करते हैं।

(iii) आदतन अपराधी- जो अपराधी अपराध करने के आदी हो जाता है वे इस श्रेणी में आते हैं। 

(iv) पेशेवर अपराधी- जिन अपराधियों का पेशा अपराध होता है वे पेशेवर अपराधी कहे जाते हैं। 

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shubham yadav

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