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मद्यपान का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Alcoholism)
सामान्य अर्थों में मद्यपान का अर्थ उन सभी ऐसी वस्तुओं से लगाया जाता है जो नशा करने के प्रयोग में लाई जाती हैं जैसे- शराब, भाँग, सिगरेट, बीड़ी, तम्बाकू, गाँजा, अफीम आदि। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है जो वस्तुएँ नशे के लिए कोई व्यक्ति प्रयोग करे उन वस्तुओं का प्रयोग मद्यपान करना कहलाता है।
“चिकित्सा की भाषा में मैं सोचता हूँ, नशा एक बीमारी है जो एकाकीपन से उत्पन्न होती हैं। यह शरीर को संचालित करती है किन्तु स्वास्थ्य सम्बन्धी शारीरिक कार्य को अव्यवस्थित करती है।”– थामस ट्राटर
“मद्यपान की व्याख्या करना उतना ही अर्थहीन है और अस्पष्ट है जितना कि सन्न आयु तन्त्र के टुटने की बीमारी “– स्ट्रेचर्स तथा चेम्बर
“मद्यपान नशे की वह दशा है जो किसी मादक पदार्थ के निरन्तर सेवन से पैदा होती है, जो कुछ देर तक या सदैव ही व्यक्ति को इस तरह नशे में चूर रखती है जो समाज और व्यक्ति दोनों के लिए हानिकारक होती है।”– विश्व स्वास्थ्य संगठन
मद्यपान के प्रमुख कारण (Causes of Alcoholism)
मद्यपान के मुख्य कारण निम्नवत वर्णित किये जा सकते हैं-
1. आर्थिक कारण- गरीबी किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है। एक गरीब परिवार में परिवार के मुखिया के अतिरिक्त उनके बच्चे भी मद्यपान के शिकार हो जाते हैं।
2. मनोवैज्ञानिक कारण- कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिन्हें हमेशा मानसिक तनाव एवं चिन्ता रहती है और वे इस तनाव व चिन्ता से छुटकारा पाने के लिए मद्यपान आदि का सहारा ले लेते हैं।
3. दूषित पर्यावरण- कुछ गली व मोहल्ले ऐसे होते हैं जहाँ पर कुछ व्यक्ति शराब या अन्य . प्रकार के नशे करते हैं अब यह कहावत है कि संगति का असर पड़ता है तो उनके साथ-साथ कुछ और अन्य व्यक्ति भी मद्यपान का सहारा लेने लगते हैं।
4. व्यक्तिगत कारण- कुछ व्यक्तियों में मद्यपान की आदत उनके व्यक्तिगत कारणों से पड़ जाती है। व्यक्तिगत कारण जैसे शारीरिक थकान मिटाना, असफलता का गम मिटाना आदि।
5. यौन उत्तेजना के लिए- यौन इच्छा बढ़ाने के लिए भी कुछ लोग मद्यपान करते हैं।
6. सामाजिक धार्मिक कारण – कुछ लोग होली, दिवाली, या तीज-त्योहारों में भी मद्यपान करते हैं।
7. पारिवारिक कल्याण के कारण- कुछ परिवारों में माता-पिता मद्यपान करते हैं और धीरे-धीर बच्चे भी करने लगते हैं। कुछ परिवारों में तो यह एक पीढ़ी दर पीढ़ी प्रथा बन जाती है।
मद्यपान अथवा शराबवृत्ति के दुष्प्रभाव (Evil Effect of Alcoholism)
मद्यपान के दुष्प्रभाव निम्नलिखित हैं-
1. शराब पीने से व्यक्ति का सामाजिक, आर्थिक व नैतिक स्तर गिरता है।
2. शराब पीने के बाद व्यक्ति को जोश अधिक आता है जिससे वह अनैतिक कार्य करने के लिए प्रेरित होता है।
3. शराब पीने वाले व्यक्तियों का शरीर नाना प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है।
4. शराब पीने वाले व्यक्ति के घर-परिवार में प्रतिदिन किसी न किसी कारण से क्लेश होता रहता है।
5. अधिकांश शराब पीने वाले व्यक्तियों में जुआ खेलने तथा वैश्यावृत्ति की प्रवृत्ति देखी जाती है।
मद्यपान निवारण के उपाय (Measures to Get Rid of Alcoholism)
मद्यपान निवारण के प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं-
1. शराब का सेवन करने वालों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
2. व्यक्तियों को मनोरंजन के पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाएँ।
3. शराबियों की आर्थिक दशा में सुधार किया जाना चाहिए।
4. शराब की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा देने चाहिए और ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि सरलता से शराब उपलब्ध न हो सके।
5. विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा शराब की बुराइयों से छात्रों को अवगत कराना चाहिए।
6. कानून द्वारा नशे पर पूर्ण पाबन्दी लगा दी जाए और उसका कठोरता से पालन किया जाए।
7. शराब उपलब्ध कराने वाले होटलों व रेस्तराओं पर पूर्णतः नियन्त्रण लगा देना चाहिए।
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