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आतंकवाद के प्रमुख कारण (Main Causes of Terrorism)
आतंकवाद के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
1. ब्रिटिश शासन
अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति ने आजादी के समय भी कई कार्य किये जिसके कारण देश के कुछ वर्ग उपेक्षित रह गये और आतंकी बन गये।
2. विदेशी समर्थन
भारत में आतंकवाद का प्रमुख कारण विदेशी समर्थन है जो भारत के अलगाववादी तत्वों को धन और शस्त्र अपने वार्थ के लिए उपलब्ध करा रहा है। उसका उद्देश्य यही है कि कमजोर हो और वे अपनी घृणित इच्छायें पूरी कर सकें। कश्मीर के आतंकवाद, पूर्वोत्तर राज्यों के आतंकवाद में इन्हीं विदेशियों की भूमिका है।
3. दलगत राजनीति
सत्ता प्राप्त करने के लिए कुछ राजनीतिक दल भी आतंकवाद को हथियार के रूप में प्रयोग करते हैं जो बाद में इन्हीं के लिए खतरा बन जाते हैं जिसका परिणाम राजनीतिक हत्याओं के रूप में सामने आता है।
4. सामाजिक असन्तोष
यह सही है कि स्वतन्त्रता के बाद देश में आर्थिक विकास हुआ है लेकिन यह भी सही है कि देश की आम जनता को इस प्रगति का लाभ नहीं मिला है। ऐसी स्थिति में यदि आम आदमी आतंकवाद की ओर उन्मुख हो जाए तो इसमें आश्चर्य कैसा।
5. साम्प्रदायिकता
भारत में साम्प्रदायिक तनाव अधिक हुए हैं। ये तनाव हिन्दू और मुसलमानों के बीच सदैव हुए हैं। ये दोनों (हिन्दू और मुसलमान) सदैव ही एक-दूसरे को दुश्मन की दृष्टि से देखते रहे हैं और एक-दूसरे के खून के प्यासे बने रहे हैं।
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6. जातिवाद
जातिवाद एक बहुत ही बुरी भावना है। व्यक्ति जातिवाद के चक्कर में पड़कर अपने राष्ट्र के हितों को भूल जाता है और केवल अपनी जाति के हितों को ही ध्यान में रखकर उसी के हितों के बारे में सोचता है। जातिवाद ने जातियों को आन्तरिक दृष्टि से शक्तिशाली बनने में योगदान दिया है। आज विभिन्न जातियाँ अपना जातीय संगठन बनाकर अपनी जाति के लोगों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करने में लगी हैं भले ही क्यों न इससे राष्ट्रीय अहित हो रहा हो। इस जातिवाद ने जातीय संघर्षो को जन्म दिया जिसने आतंकवाद को प्रोत्साहित किया।
7. अत्यधिक आर्थिक विषमता
हमारे देश में दिन-प्रतिदिन महगाई बढ़ती जा रही है जिसके कारण गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत करने वालों का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है और अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ती जा रही है। दूसरा कुछ लोग अवैध कार्य करके भी सम्पन्न बन रहे हैं। प्रो. एम. वी. माथुर के मतानुसार, अपनी तौर पर तो ऐसा लगता है कि हमारे देश में घटित होनेवाली घटनाओं के पीछे साम्प्रदायिकता, भाषावाद और क्षेत्रवाद का हाथ है, लेकिन इसके मूल में विकास की कमी और उपलब्ध साधनों का उचित वितरण ने होना है। इस आर्थिक विषमता के कारण भ्रष्टाचार का जन्म हुआ। अत्यधिक आर्थिक विषमता के कारण संघर्ष और अशान्ति फैलती है जो कि आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
8. छात्र आन्दोलन
विभिन्न प्रकार के छात्र आन्दोलनों ने छात्रों में असन्तोष की भावना भर दी है। इन आन्दोलनों में छात्रों ने हिंसा का सहारा लिया जिससे भी आतंकवाद को प्रोत्साहन मिला।
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