अनुक्रम (Contents)
एन सी सी का उद्देश्य
नेशनल कैडेट कापर्स अधिनियम सन् 1948 में पास किया गया था जिसके अन्तर्गत सम्पूर्ण देश के विद्यालयों, कालेजों और विश्वविद्यालयों में नेशलन कैडेट कापर्स का संगठन किया गया। N.C.C के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं.
1. युवकों और युवतियों में चरित्र, मित्रता, सेवा के आदर्श और नेतृत्व कर सकने की क्षमता का विकास करना.
2. युवक और युवतियों में अपने देश की सुरक्षा करने की आकांक्षा एवं रुचि उत्पन्न करने के लिए सेवा और प्रशिक्षण प्रदान करना,
3. राष्ट्रीय आपातकालीन स्थिति के काल में आवश्यकता पड़ने पर कुशल एवं प्रशिक्षित अफसरों की पूर्ति हेतु ऐसे सदस्यों को प्रस्तुत करना जो निडरता से आगे आयें।
N.C.C. की सदस्यता पूर्णरूप से ऐच्छिक है और सैनिक सेवा के लिए उसका कोई उत्तरदायित्व नहीं होता है। एन. सी. सी. 12 वर्ष से 26 वर्ष के मध्य युवकों को प्रशिक्षित करता है। एन.सी.सी के तीन अंग होते हैं। जूनियर अंग जो उच्चतर विद्यालयों में होता है। सीनियर अंग और तीसरा बालिकाओं का अंग है। ये कैडेट सेना, वायु अथवा समुद्र सम्बंधी किसी शाखा के पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण अपनी रुचि के अनुसार ले सकते हैं। कैडेट कार्पस के अधिकारी विद्यालयों कालेजों तथा विश्वविद्यालयों के अध्यापक वर्ग में से ही बनाए जाते हैं। एन.सी.सी. के अफसरों और कैडेटों को बिना किसी मूल्य के कपड़े और अन्य चीजें प्रदान की जाती हैं। वह राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जाता है। प्रशिक्षण के निरीक्षण के लिए स्टॉफ केन्द्रीय सरकार द्वारा दिया जाता है। कैडेट के लिए सप्ताह में कम से कम चार घन्टे का प्रशिक्षण लेना जरूरी होता है। इसके अतिरिक्त कैडेट को 10 या 15 दिन के होने वाले वार्षिक कैम्पों में भी रहना. पड़ता है। कुछ विशेष कैम्प भी संगठिन किए जाते हैं जिनमें कुछ सीनियर कैडेट अच्छे निर्देशक और कैडेट नियुक्तियों के योग्य बनाये जाने के लिए प्रशिक्षित किये जाते हैं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य कैडेट में अनुशासन के प्रति सम्मान पैदा करना और नेतृत्व के अच्छे गुण सीखने तथा विकसित करने के लिए उन्हें पूर्ण अवसर प्रदान करना है। स्वस्थ रहन-सहन तथा वातावरण और वैयक्तिक स्वास्थ्य के ऊपर भी पर्याप्त बल दिया जाता है। पारस्परिक रहन-सहन की भावना जो प्रशिक्षण के मध्य विकसित होती है, जाति, धर्म, भोजन सम्बन्धी भेदों और प्रांतीय भावनाओं आदि के बंधनों को दूर करने में सहायक होती है।
कैडेट को अधिक प्रोत्साहित करने के लिए अधिकार प्राप्त पदों की इच्छा रखने वालों की केवल साक्षात्कार के पश्चात् सैनिक कार्य में नियुक्ति कर दी जाती है।
सहायक कैडेट कार्पस
वित्तीय कठिनाइयों के कारण एन.सी.सी. के अल्पव्ययी सहायक कैडेट कापर्स का प्रारम्भ स्कूलों और कालेजों में 12 से 23 वर्ष की आयु वाले छात्रों के लिए किया गया। साधारणतया इनके लिए भी वही प्रशिक्षण कार्यक्रम निश्चित किया गया है जो एन.सी.सी. के कैडेटों के लिए है। लेकिन इन्हें साधारण पोशाक ही प्रदान की जाती है और विशेषतया अधिक सामग्री की जरूरत इनके लिए नहीं होती।
ग्रामीण क्षेत्रों में युवक सेवायें
देश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए युवक कल्याण सेवाओं की और उतना ध्यान नहीं दिया गया है जितना कि आवश्यक समझा जाता है। सामुदायिक विकास योजना के द्वारा गाँवों में कुछ काम किया गया है लेकिन यह योजना तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक पर्याप्त मात्रा में उसके लिए उत्साह और उमंग न उत्पन्न की जाए। युवको में छात्रेत्तर युवक कल्याण परियोजनायें – योजना आयोग द्वारा सन् 1968 में छोत्रोत्तर युवकों के कल्याण के लिये स्थापित कार्यकारी दल ने यह सुझाव दिया कि युवकों की सेवाओं को 12 से 17 17 से 21 एवं 21 से 30 वर्ष के विभिन्न आयु समूहों की विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए संगठित किया जाना चाहिए। स्वयं सेवी संगठनों के माध्यम से कुछ परियोजनाओं का गठन किया गया है। इन केन्द्रों का उद्देश्य युवको को अपने विकास तथा सामाजिक समायोजन में सहायता पहुँचाना है। ये केन्द्र शैक्षिक सेवायें, व्यावसायिक अभिरुचि, मनोरंजन तथा सांस्कृतिक सेवायें, कल्याणकारी सेवायें और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की सुविधायें प्रदान करेंगे। प्रत्येक परियोजना एक युवक कल्याण संगठक की देख-रेख में चलेगी और दस्तकारी, शारीरिक शिक्षा, इत्यादि के कुछ प्रशिक्षक उसे सहायता पहुँचायेंगे।
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