समाजशास्‍त्र / Sociology

मादक द्रव्य व्यसन का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, दुष्परिणाम तथा समाधान हेतु सुझाव

मादक द्रव्य व्यसन का अर्थ
मादक द्रव्य व्यसन का अर्थ

मादक द्रव्य व्यसन का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Drug Addiction)

मादक द्रव्य व्यसन वह स्थिति है जिसमें शरीर को कार्य करते रहने के लिए मादक पदार्थों के प्रयोग की आवश्यकता महसूस होती है। यदि कोई व्यक्ति मादक पदार्थों का आदी है और वह इन पदार्थों का सेवन बन्द कर देता है तो उसके शरीर में अनेकों प्रकार की बाधाएँ उत्पन्न होने लगती हैं, जैसे शारीरिक दर्द, बेचैनी एवं रुग्णता आदि। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि जो व्यक्ति मादक पदार्थों का सेवन करता है उसका शरीर मादक पदार्थों पर निर्भर हो जाता है अर्थात् शरीर मादक पदार्थों हैं के निरन्तर प्रयोग से शरीर उन पदार्थों की उपस्थिति से अपना सामंजस्य कर लेता है और जब उसे इन पदार्थों का सेवन करने को नहीं मिलता है तो उसके शरीर में दर्द, जुकाम, खाँसी एवं जलन आदि, अनेकों प्रकार की बीमारियों उत्पन्न होने लगती है।

मादक द्रव्य व्यसन की विशेषताएँ (Characteristics)

इसकी निम्नलिखित चार विशेषताएँ हैं-

1. मादक पदार्थों के प्रभावों पर मानसिक एवं शारीरिक निर्भरता पैदा होती है।

2. इसमें मादक पदार्थ ग्रहण करने की शरीर द्वारा तीव्र इच्छा या आवश्यकता व्यक्त की जाती है जिसे वह हर सम्भव साधन द्वारा प्राप्त करने का प्रयत्न करता है।

3. यह व्यक्ति एवं समाज पर हानिकारक प्रभाव डालता है।

4. इसमें खुराक की मात्रा में उत्तरोत्तर वृद्धि की प्रवृत्ति होती है।

मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्परिणाम (Evil Effects of Drug Addiction)

मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्परिणाम निम्नलिखित हैं-

1. शारीरिक प्रभाव- जब कोई व्यक्ति लम्बे समय तक अधिक मात्रा में मादक द्रव्यों का सेवन करता रहता है तो उसके शरीर पर अनेकों गलत प्रभाव पड़ते हैं। जैसे- गैस बनना, दिल व नाड़ियों की बीमारी, गठिया एवं त्वचा की बीमारी आदि ।

2. मानसिक बीमारी- मादक द्रव्यों के सेवन से व्यक्ति के स्नायु तन्तु नष्ट हो जाते हैं और वह मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है। जिससे मनुष्य की भावात्मक एवं बौद्धिक शक्ति क्षीण हो जाती है। वह अत्यधिक क्रोधी हो जाता है और गन्दी भाषा का प्रयोग करने लगता है।

3. कार्यक्षमता- मादक द्रव्यों के सेवन से व्यक्ति की कार्यक्षमता भी कम हो जाती है। जिससे व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजोर होता चला जाता है।

4. दुर्घटना- जब व्यक्ति मादक द्रव्यों का सेवन करके नशे में हो जाता है तब उसके दुर्घटनाग्रस्त होने की सम्भावना अधिक रहती है। इस प्रकार दुर्घटनाओं के लिए इन नशीले पदार्थों को ही उत्तरदायी ठहराया जाता है।

मादक द्रव्य व्यसन समस्या के समाधान हेतु सुझाव (Suggestions to Solve the Problem)

इस समस्या के समाधान हेतु निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं-

1. देश में नशा-निषेध की नीति लागू की जानी चाहिए।

2. देश में ऐसा प्रभावकारी कानून बनाया जाना चाहिए जिसके द्वारा मादक पदार्थों को चोरी-छिपे बेचने वाले लोगों को कठोर दण्ड दिया जा सके।

3. मादक द्रव्यों के प्रयोग को कम करने के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक पेय पदार्थों का उत्पादन बढ़ाया जाना चाहिए।

4. नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय समझौता होना चाहिए, जिससे सभी देश अपने-अपने क्षेत्र में इस अमानवीय और घृणित व्यवसाय पर नियन्त्रण रख सकें।

5. भारत सरकार द्वारा उन स्वयं सेवी संस्थाओं को विशेष आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए जो मद्यपान और मादक द्रव्य-व्यसन के विरुद्ध प्रचार करके स्वस्थ जनमत का निर्माण करती है।

6. सरकार द्वारा एक व्यापक सर्वेक्षण आयोजित करके नशीली दवाओं से प्रभावित व्यक्तियों से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के आँकड़े तैयार करने चाहिए।

7. होटलों, जलपान गृहों तथा नाचघरों को शराब के विक्रय के लाइसेन्स पर प्रतिबन्ध लगाना आवश्यक है।

8. नशीली दवाओं के सेवन के दुष्परिणामों से समाज के प्रत्येक व्यक्ति को दूरदर्शन व पत्र पत्रिकाओं द्वारा परिचित कराया जाना चाहिए।

9. मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों को कठोर दण्ड दिया जाना चाहिए।

10. मादक द्रव्यों के व्यसन से पीड़ित लोगों का उपचार करने के लिए मनोवैज्ञानिक और स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना की जानी चाहिए।

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shubham yadav

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