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प्रणाली का अर्थ, प्रणाली उपागम का अर्थ, प्रमुख तत्व, सोपान, शिक्षा में उपयोग

प्रणाली का अर्थ
प्रणाली का अर्थ

प्रणाली का अर्थ (Meaning of System)

प्रणाली शब्द का अर्थ यहाँ पर विश्लेषण तथा विकास से है सामान्यतः प्रणाली का तात्पर्य क्रमबद्ध सम्पूर्ण संगठन से माना जाता है। जिसमें प्रत्येक अंग का दूसरे अंग से सम्बन्ध स्पष्ट होता है तथा इससे सम्पूर्ण प्रणाली का निर्माण होता है।

इस आधार पर विद्यालय, कक्षा, शैक्षिक कार्यक्रम या शैक्षिक प्रक्रिया एक प्रणाली मानी जाती है। यदि किसी तथ्य का कोई उद्देश्य है, कोई संगठन है तो वह एक प्रणाली अथवा व्यवस्था मानी जाती है। व्यवस्था ( प्रणाली) का एक नियन्त्रण केन्द्र (Control Centre) होता है जो सूचनाओं के आधार पर व्यवहार का निर्णय लेता है। उदाहरण लिए- आँख, मस्तिष्क, हाथ (Eye, Brain, Hand) प्रणाली में मस्तिष्क निर्णय केन्द्र होता है। यह सभी प्रकार के ऐच्छिक व्यवहार का निर्धारण करता है। शैक्षिक व्यवस्था में यह नियन्त्रण केन्द्र शिक्षक होता है।

प्रणाली उपागम का अर्थ (Meaning of System Approach)

प्रणाली विश्लेषण अथवा उपागम शब्द अनेक सन्दर्भों में प्रयुक्त किया जाता है। अधिकांश विद्वान यह मानते हैं कि इस प्रणाली में समस्या समाधान (Problem Solving) निहित होता है। सामान्य अर्थों में प्रणाली उपागम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी संगठन की आवश्यकताओं की पहचान की जाती है समस्या का चयन किया जाता है, समस्या समाधान की आवश्यकताओं को पहचाना जाता है, अनेक वैकल्पिक तरीकों में से परिस्थितियों का चयन किया जाता है, साधन प्राप्त किए जाते हैं तथा उनको उपयोग में लाया जाता है परिणामों का मूल्यांकन किया जाता है तथा प्रणाली में आवश्यक संशोधन किए जाते हैं जिससे कि संगठन या प्रणाली की आवश्यकता पूर्ण हो सके।

वास्तव में प्रणाली उपागम एक प्रकार से तार्किक (Logical) समाधान प्रक्रिया है, जो प्रमुख शिक्षा समस्याओं की पहचान तथा उनका समाधान करती है। यह एक उपकरण (Tool) है। शिक्षा की आवश्यक उपलब्धियों (Outcomes) को अधिक प्रभावपूर्ण तथा कुशलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए विचार करने का तरीका है। यह चिन्तन का एक तरीका है जो समस्या की पहचान व उसका समाधान करती है।

शैक्षिक प्रशासन के क्षेत्र में प्रणाली विश्लेषण, प्रशासक की समस्याओं के सम्बन्ध में निर्णय लेने के लिए वैज्ञानिक एवं परिमाणात्मक आधार प्रदान करती है। शिक्षा के क्षेत्र में प्रणाली विश्लेषण में क्रमबद्ध रूप में नियोजन, व्यवस्था, कार्यान्वयन, मूल्यांकन तथा पुनर्वलोकन आदि क्रियाएँ सम्मिलित होती हैं।

प्रणाली उपागम के अनुसार, शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया क्रम के अंगों के मध्य एक प्रकार का आदान-प्रदान, संचार तथा नियन्त्रण मात्र है। शिक्षक संचार एवं नियन्त्रण करने वाला यन्त्र है।

प्रणाली उपागम के प्रमुख तत्व (Basic Elements of a System)

शैक्षिक तकनीकी उपागम वास्तव में गेस्टाल्टवादी मनोवैज्ञानिक के सिद्धान्तों पर आधारित है। इसके अनुसार शैक्षिक व्यवस्था या शैक्षिक प्रणाली को चार प्रमुख तत्वों में वर्गीकृतकिया जा सकता है-

(1) अदा (Input)- अदा से तात्पर्य उन सभी व्यवहारों या क्षमताओं से है जो किसी शैक्षिक व्यवस्था में शिक्षण कार्य प्रारम्भ करते समय शिक्षक एवं छात्र के माध्यम से प्राप्त होती है।

(2) प्रक्रिया (Process) – प्रक्रिया से तात्पर्य उन सभी कार्यों से हैं जिनकी सहायता से अदा में परिवर्तन किया जाता है।

(3) प्रदा (Output)- प्रदा से तात्पर्य उस व्यवहार से है जिसे प्राप्त करने के लिए प्रणाली को निर्मित किया जाता है।

(4) पर्यावरण सन्दर्भ (Environmental Context) पर्यावरण सन्दर्भ से अभिप्राय भौतिक और सामाजिक परिवेश सम्बन्धी उन परिस्थितियों, तत्वों और सीमाओं से है जिनके अन्तर्गत एक प्रणाली कार्य करती है।

प्रणाली उपागम के सोपान (Steps of System Approach)

प्रणाली उपागम में निम्न सोपान होते हैं-

(1) प्रणाली विश्लेषण ( System Analysis).

(2) प्रणाली प्रारूप एवं विकास (System Design and Development) एवं

(3) प्रणाली संचालन एवं मूल्यांकन (System Operation and Evaluation)|

प्रणाली उपागम का शिक्षा में उपयोग (Use of System Approach in Education)

प्रणाली उपागम का शिक्षा में उपयोग निम्नलिखित प्रकार से होता है-

(1) इस प्रणाली से शैक्षिक प्रक्रिया सम्बन्धी प्रारूप के निर्माण करने में सहायता मिलती है।

(2) प्रणाली उपागम शिक्षण के नियोजन (Planning of Instruction) में प्रयोग की जाती है। अनुदेशन देने के लिए शिक्षक को दो महत्वपूर्ण कार्य भी करने पड़ते हैं-

(i) अनुदेशन का नियोजन (Planning of Instruction),

(ii) अनुदेशन का कार्यान्वयन (Implementation of Instruction),

(iii) इस प्रकार इस प्रणाली को शिक्षण की व्यवस्था, विश्लेषण, निर्देशन, नियोजन, व्यवस्था तथा विकास आदि के लिए अपनाया जा सकता है।

(3) प्रणाली उपागम सीखने तथा शिक्षण-व्यवस्था सम्बन्धी समस्याओं के समाधान की एक वैज्ञानिक विधि है।

(4) यह सीखने के व्यवहारों को नियन्त्रित करने की एक वस्तुनिष्ठ विधि है।

(5) इसे परीक्षा प्रणाली के प्रारूप के निर्माण में प्रयोग किया जा सकता है।

(6) इसे शिक्षा के प्रतिमान के ‘निर्माण में भी प्रयोग किया जा सकता है।

(7) नवीन शैक्षिक प्रतिमान के निर्माण में भी सहायक हो सकती है।

(8) प्रणाली उपागम शैक्षिक सामग्री की तैयारी शैक्षिक वातावरण के नियंत्रण तथा प्रबन्ध में काफी सहायक सिद्ध हुई है।

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shubham yadav

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