चर्म रोग के प्रकार, लक्षण और उपाय Skin Diseases in Hindi :- आज Currentshub.Com आपके जीव विज्ञान के अंतर्गत आने वाले वाला एक महत्वपूर्ण टॉपिक ‘चर्म रोग के प्रकार, लक्षण और उपाय Skin Diseases in Hindi, लेकर आए हुए हैं। यहाँ हम जानेंगे की चर्म रोग के प्रकार, लक्षण और उपाय Skin Diseases in Hindi , इत्यादि के बारे में विस्तार से|
अनुक्रम (Contents)
चर्म रोग के प्रकार, लक्षण और उपाय Skin Diseases in Hindi
त्वचा के रोग (Skin Diseases)
त्वचा का मानसिक गतिविधि से इतना घनिष्ठ सम्बन्ध होता है कि इसे आवेशों का दर्पण कहा जा सकता है। त्वचा अनेक ऐसे संक्रामण अथवा अन्य रोगों में भी प्रभावित हो सकती हैं जिनमें त्वचा विस्फोट (rashes) उत्पन्न होता है। यथा-
एक्जीमा (Eczema)
यह त्वचा की बहुत पाई जाने वाली जीर्ण व्याधि हैं। बहुधा यह पैरों के ऊपरी भाग में या गर्दन के पीछे मिलती है, इसके अतिरिक्त यह शरीर पर अन्य जगहों पर भी हो सकती है |दीर्घकालीन खुजली और धीरे- धीरे त्वचा में स्थायी परिवर्तन जैसे त्वचा को मोटा हो जाना, भूरा पड़ जाना, कभी-कभी मवाद बनाना, कभी पानी जैसा स्राव निकलना, कभी दर्द, कभी जलन आदि लक्षण मिलते हैं। आधुनिक दृष्टिकोण से इसे एलर्जिक व्याधि मानकर उपचार किया जाता है। स्टेरॉइड (Steroid) समूह के मलहमों के लगाने से तत्काल आराम मिलता है, किंतु व्याधि बहुधा यथावत् बनी रहती है।
रजत त्वचा (Psoriasis)
सोरिएसिस त्वचा की एक प्रचलित महत्वपूर्ण जीर्ण व्याधि है। इसमें त्वचा की परतों के बीच आपसी संबंध ढीले हो जाने से ऊपरी परते निकलती रहती हैं और कई स्थानों पर लाल-लाल चकत्ते से बनते रहते हैं। चाँदी के वर्क जैसी त्वचा की परतों का निकलना इसका प्रमुख लक्षण है। इस व्याधि के होने में मानसिक तनाव की भी काफी भूमिका होती है एतदर्थ उस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये। यह विशेषकर घुटने व कोहनी के जोड़ों के पास से होती है। चेहरे कपाल, वक्ष और उदर पर भी यह बहुत फैल सकती है। अधिकांश में यह व्याधि ठंड में अधिक बढ़ती है। इसकी चिकित्सा बहुत दुःसाध्य है।
पित्ती (Urticaria)
स्थानिक पित्ती अर्थात अर्टीकेरिया ऐसे पदायें विद्यमान हो (उदाहरणतः बरै दंश, ततैया दंश और के सम्पर्क में आने से होती हैं जिनमें क्षोभकारी तत्व बिच्छू बूटी से सम्पर्क) अथवा जिनके प्रति कोई व्यक्ति , संवेदनशील या एलर्जिक हो (उदाहरणतः सौन्दर्य प्रसाधन तथा कपड़े धोने के कुछ पाउडर)। सार्वदेहिक पिती ऐसा भोजन खाने से होती है जिसके प्रति कोई व्यक्ति संवेदनशील हो, ऐसा भोजन बहुधा प्रोटीनयुक्त होता है (यथा अंडा, मछली)। इसमें लगातार लाल चकत्ते, जलन, खुजली आते-जाते रहते हैं और यह समस्या महीनों या वर्षी रह सकती है। इसके चिकित्सा के लिए एन्टी एलर्जिक औषधियाँ-एविल, सेट्रीजिन आदि दी जाती हैं।
मत्स्य त्वचा (Ichthyosis)
यह एक जन्म-जात त्वचा रोग है जिसमें वना मत्स्य त्वचा का रूप ले लेता है। इसमें त्वचा बहुत रूखी रहती है, उस पर कड़े छिलके से महसूस होते हैं, जो विशेषकर सर्दियों में काफी कष्ट कर होते हैं। इसमें ग्लिसरीन एवं वैसलीन का प्रयोग आरामदायक
होता है।
एथलीट फुट (Athlete’s foot)
यह ट्राइकोफाइटोन नामक कवक जनित रोग है, जिसका संक्रमण जमीन से होता है। यह रोग त्वचा के मुलायम हिस्से को प्रवाहित करता है, खासकर अंगुलियों के बीच में।*
हर्पीज (Herpes)
यह त्वचा का वाइरस संक्रमित रोग है, जो दो प्रकार का होता है हर्पीज जोस्टर एवं हर्पीज जेनीटेलिस।
किसी नस (Nerve) के प्रसार की दिशा में दाने, द्रव युक्त विस्फोट, दाह एवं वेदना आदि लक्षणों से युक्त व्याधि हर्पीज जोस्टर कहलाती है जबकि शिश्न मुण्ड (Glans Penis) पर नन्हें-नन्हें दाने का निकलना हर्पीज जेनीटेलिस की संज्ञा से जाना जाता है। उक्त दोनों प्रकार के रोग के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ से सलाह आपेक्षित होता है।
वाइरस जनित त्वचा रोग हैं-खसरा (Measels),छोटी माता (Chicken pox) ,बड़ी माता (Small pox) एवं हर्पीज आदि।
जीवाणु जनित मुख्यः त्वचा रोग हैं-फुसिया (Boils), कुष्ठ (Leprosy) एवं सिफलिस आदि।
कवक जनित मुख्य त्वचा रोग हैं-
खाज (Scabies)—
यह रोग एकेरस स्केबीज (Acarius scabies) नामक कवक से होता है। इसमें त्वचा में खुजली होती है तथा सफेद दाग पड़ जाते हैं|
गंजापन (Baldness)—
यह टिनिया केपिटिस (Taenia capitis) नामक कवक से होता है। इस रोग से सिर के बालों की ग्रंथियों कवक द्वारा नष्ट कर दी जाती हैं जिससे सिर के बाल टूटने लगते हैं। अन्त में मनुष्य गंजा हो जाता है।
दाद (Ringworm)-
यह रोग टाइकोफाइटान (Trickophyton) नामक कवक से फैलता है। कवक त्वचा के अन्दर अपना जाल (mycelia) बना लेते हैं जिससे त्वचा पर लाल रंग के गोले पड़ जाते हैं।
तो दोस्तों, शायद अब आपको “चर्म रोग के प्रकार, लक्षण और उपाय Skin Diseases in Hindi , ” का कांसेप्ट अच्छे से समझ आ गया होगा, यदि कोई डाउट हो तो आप कमेंट या मेल के माध्यम से अपना डाउट क्लियर कर सकते हैं|
रेखित,अरेखित तथा हृद पेशियों में अंतर
वास्तविक विलयन और कोलाइडी विलयन में अंतर
प्रगामी और अप्रगामी तरंगों में अंतर
चालन संवहन तथा विकिरण में अंतर
रेखीय वेग और कोणीय वेग में अंतर
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