अनुसूची और प्रश्नावली में अन्तर (Difference between Schedule and Questionnaires)
क्र.सं. | अन्तर का आधार | अनुसूची | प्रश्नावली |
1. | अध्ययन क्षेत्र | अनुसूची का प्रयोग छोटे एवं सीमित क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर किया जाता है। |
प्रश्नावलियों का प्रयोग विज्ञान एवं विस्तृत क्षेत्र के लिए किया जाता है, जहाँ प्रश्नावलियों को डाक द्वारा भेजना सम्भव होता है। |
2. | प्रयोग विधि | अनुसूची का प्रयोग अनुसन्धानकर्ता साक्षात्कार के द्वारा करता है। वह सूचनादाता से स्वयं प्रश्न पूछता जाता है और भरता जाता है। | प्रश्नावलियों को सूचनादाता के पास डाक द्वारा भेजा जाता हैं और वे पुनः डाक द्वारा ही लौटायी जाती है। |
3. | सूचना प्राप्ति | इनके प्रश्नों का उत्तर अनुसन्धानकर्ता सूचनादाता से पूछकर स्वयं भरता है। |
इनके प्रश्नों का उत्तर सूचनादाता स्वयं देता है और डाक द्वारा भेजता है। |
4. | सूचनादाता से सम्पर्क |
इसको भरने के लिए अनुसन्धानकर्ता को सूचनादाता से प्रत्यक्ष सम्पर्क करना पड़ता है। |
इनको भरने के लिए प्रत्यक्ष सम्पर्क की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि ये तो डाक द्वारा भेजी जाती है। |
5. | अध्ययन की गहनता | इनसे सूचनाएँ गहन, प्राप्त विश्वसनीय और विस्तृत होती हैं क्योंकि यह अध्ययनकर्ता की उपस्थिति के कारण प्रश्नों से सम्बन्धित कठिनाई समझा दी जाती है। | इनसे प्राप्त सूचनाओं को आधार पर सतही और मोटी-मोटी बातें. ही ज्ञात की जा सकती है। |
6. | प्रश्न का उत्तर |
इसमें प्रश्नों की रचना प्रगणक अथवा अनुसन्धानकर्ता के स्तर से की जाती है। |
इसमें प्रश्नों की रचना सूचनादाता स्तर से की जाती है। |
7. | निदर्शन |
इसके द्वारा अध्ययन करने के लिए चुना गया निदर्शन अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण होता है क्योंकि उसमें शिक्षित और अशिक्षित सभी प्रकार के सूचनादाता हो सकते हैं। |
इसमें केवल शिक्षित उत्तरदाताओं का ही चयन किया जाता है, अतः वे समग्र का पूर्ण प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। |
8. | समय, श्रम एवं धन |
इसमें अधिक धन, समय व कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होती है। |
इसमें धन, समय व कार्यकर्ताओं की अपेक्षाकृत कम आवश्यकता होती है। |
9. | व्याख्यात्मक टिप्पणियाँ | इसमें अनुसंधानकर्ता उपस्थित होता है, अतः व्याख्यात्मक टिप्पणियाँ एवं फुटनोट्स की आवश्यकता नहीं होती है। | इसमें व्याख्यात्मक टिप्पणियों एवं फुटनोटस की आवश्यकता होती है क्योंकि अनुसन्धानकर्ता उपस्थित नहीं होता है। |
10. | शिक्षा का आधार | इसका प्रयोग शिक्षित और अशिक्षित दोनों प्रकार के सूचनादाताओं के लिए किया जाता है। | इसका प्रयोग केवल शिक्षित लोगों के लिए ही किया जाता है। |
11. | पक्षपात | इसमें अनुसन्धानकर्ता सूचना लिखने में अपनी राय एवं पक्ष का प्रभाव डाल सकता है और वह सूचनादाता के विचारों को भी प्रभावित कर सकता है। | इसमें सूचनादाता स्वतन्त्र रूप से अपने विचार व्यक्त करता है, अतः पक्षपात की सम्भावना नहीं रहती है। |
12. | अवलोकन | इसके प्रयोग के दौरान अवलोकन भी किया जा सकता है। | इसमें अवलोकन का अवसर नहीं मिलता है। |
13. | प्रत्युत्तर का प्रतिशत | अनुसूची द्वारा प्राप्त उत्तर की सम्भावना शत-प्रतिशत होती है। |
प्रश्नावली में लाख प्रयास करने के बावजूद भी 50 प्रतिशत के अधिक नहीं हो पाता है। |
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