अनुक्रम (Contents)
सांख्यिकी की समाजशास्त्रीय उपयोगिता
आज समाजशास्त्र में सांख्यिकी का प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसकी समाजशास्त्रीय उपयोगिता निम्नलिखित तथ्यों द्वारा स्पष्ट की जा सकती है –
1. सरलता (Simplicity)
सांख्यिकी पद्धतियों द्वारा समाजशास्त्र एवं अन्य सामाजिक विज्ञानों में जटिल तथ्यों को सरलतम स्वरूप प्रदान करके प्रस्तुत किया जा सकता है। उदाहरण के लिये सम्पूर्ण सामग्री की अपेक्षा तथ्यों को औसत मूल्यों द्वारा सरलता से समझा जा सकता है।
2. संख्यात्मक स्वरूप (Quantitative Form)
समाजशास्त्रीय अनुसंधान में अधिकतर गुणात्मक आँकड़ों को संकलित किया जाता है, परन्तु सांख्यिकी का प्रयोग आँकड़ों को संख्यात्मक रूप में व्यक्त करने में सहायता प्रदान करता है। निर्वचन एवं निष्कर्ष निकालने के लिये गुणात्मक आँकड़ों को गणनात्मक आँकड़ों में परिवर्तित करना अनिवार्य है।
3. तुलना (Comparison)
सांख्यिकी का प्रयोग समाजशास्त्र में विभिन्न प्रकार से तुलना करने में सहायता प्रदान करता है। इस विधि से संख्याओं अथवा माध्यों से तुलना कार्य सरल हो जाता है।
4. सहसम्बन्ध (Correlation)
सांख्यिकी के प्रयोग द्वारा एक सामाजिक वैज्ञानिक विभिन्न तथ्यों के बीच पाये जाने वाले सहसम्बन्धों को सरलता से स्पष्ट कर सकता है।
5. व्यक्तिगत ज्ञान एवं अनुभव में वृद्धि (Enlarging Individual Knowledge and Experience)
सांख्यिकी व्यक्तिगत ज्ञान एवं अनुभव में वृद्धि करती है। ह्विपिल के अनुसार, “सांख्यिकी व्यक्ति के ज्ञान क्षेत्र को बढ़ाने में सहायता प्रदान करती है क्योंकि इसके प्रयोग द्वारा प्रत्येक समस्या की विवेचना सूक्ष्म तथा सरल रूप में जा सकती है। अतः यह व्यक्ति के बौद्धिक विकास में सहायता प्रदान करती है।”
6. नीति निर्माण में पथ प्रदर्शन (Guidance for Policy Formation)
सामाजिक विज्ञानों में केवल सामाजिक समस्याओं के कारणों का ही पता नहीं लगाया जाता बल्कि इन्हें दूर करने के लिये उपाय भी खोजे एवं बताए हैं ताकि इनके समाधान के लिये कदम उठाये जा सके। सांख्यिकी नीतियों के निर्धारण में सहयोग एवं सुगमता प्रदान करती हैं क्योंकि भावी योजनाएँ एवं नीतियाँ सांख्यिकीय तथ्यों को आधार मानकर बनाई जाती हैं।
7. भविष्य का पूर्वानुमान (Predictions)
सांख्यिकी सामाजिक तथ्यों के बारे में आँकड़े संकलन करने तथा उन्हें निश्चयात्मक रूप प्रदान करने में सहायता देती है। भूतकालीन तथा वर्तमान तथ्यों के आधार पर सामाजिक वैज्ञानिक भविष्य का पूर्वानुमान लगाने में समर्थ हो जाता है।
8. सिद्धान्तों एवं उपकल्पनाओं की जाँच करना (Testing the ories and Hypotheses)
सांख्यिकी के प्रयोग द्वारा एक सामाजिक वैज्ञानिक उपकल्पनाओं की जाँच की जाती है। इसके द्वारा अन्य विज्ञानों के सिद्धान्तों एवं नियमों की जाँच भी की जा सकती है।
9. समस्याओं को समझने में सहायता प्रदान करना (Helpful in Understanding Problems)
सांख्यिकी द्वारा एक समाजशास्त्री किसी सामाजिक समस्या के विस्तार एवं घनत्व का पता सरलता से लगा सकता है।
राष्ट्रीय नियोजन (दोनों सामाजिक एवं आर्थिक), प्रशासन व्यवस्था, व्यापार, वाणिज्य तथा अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का प्रयोग और भी अधिक महत्वपूर्ण है।
- सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा | Meaning and Definition of Statistics in Hindi
- सांख्यिकीय श्रेणियों के प्रकार | Sankhyikiy Shreniyo Ke Prakar
- सांख्यिकी की विशेषताएँ | Characteristics of Statistics in Hindi
- सांख्यिकी की सीमाएं | Statistic limits in Hindi
इसी भी पढ़ें…
- साक्षात्कार के प्रकार- उद्देश्य,सूचनादाताओं की संख्या,संरचना,अवधि तथा आवृत्ति के आधार पर
- साक्षात्कार के गुण एवं दोष | Merits and limitations of Interview in Hindi
- सहभागी अवलोकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ, गुण या लाभ, दोष अथवा सीमाएँ
- असहभागी अवलोकन का अर्थ, गुण (लाभ), दोष या सीमाएँ
- आनुभविक अनुसन्धान का अर्थ, प्रकार, उपयोगिता या महत्व तथा दोष | Empirical Research in Hindi
- व्यावहारिक अनुसन्धान की परिभाषा | व्यावहारिक अनुसन्धान प्रकार | Applied Research in Hindi
- मौलिक अनुसन्धान का अर्थ, परिभाषा, विशेषतायें एवं उपयोगिता
- उपकल्पना या परिकल्पना का अर्थ, परिभाषाएँ, प्रकार तथा प्रमुख स्रोत
- सामाजिक सर्वेक्षण का क्षेत्र एवं विषय-वस्तु
- शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का अनुप्रयोग
- शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का क्षेत्र
- विद्यालयों में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी के उपयोग
- सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का अर्थ
- सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का प्रारम्भ
इसी भी पढ़ें…
- अभिप्रेरणा क्या है ? अभिप्रेरणा एवं व्यक्तित्व किस प्रकार सम्बन्धित है?
- अभिप्रेरणा की विधियाँ | Methods of Motivating in Hindi
- अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार
- अभिप्रेरणा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
- अभिक्रमित अनुदेशन का अर्थ, परिभाषाएं, प्रकार, महत्त्व, उपयोग/लाभ, सीमाएँ
- शाखीय अभिक्रमित अनुदेशन (Branching Programmed Instruction)
- स्किनर का क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत
- पुनर्बलन का अर्थ | पुनर्बलन के प्रकार | पुनर्बलन की सारणियाँ
- अनुकूलित-अनुक्रिया को नियन्त्रित करने वाले प्रमुख कारक
- पावलॉव का अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त | पावलॉव का सिद्धान्त
- सीखने की विभिन्न विधियाँ | सीखने के क्षेत्र या अधिगम के क्षेत्र | अधिगम के व्यावहारिक परिणाम
- अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा | Meaning and Definitions of Learning in Hindi
- अधिगम की प्रकृति क्या है? | What is the nature of learning in Hindi
- अधिगम के नियम, प्रमुख सिद्धान्त एवं शैक्षिक महत्व
- शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ, परिभाषा ,क्षेत्र ,प्रकृति तथा उपयोगिता
- वैश्वीकरण क्या हैं? | वैश्वीकरण की परिभाषाएँ
- संस्कृति का अर्थ एवं परिभाषा देते हुए मूल्य और संस्कृति में सम्बन्ध प्रदर्शित कीजिए।
- व्यक्तित्व का अर्थ और व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक