प्रश्नावली के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
प्रश्नावली के प्रकार– कुछ प्रमुख विद्वानों ने निम्नलिखित प्रश्नावलियों के प्रकारों का उल्लेख किया है –
लुण्डबर्ग ने निम्नलिखित दो प्रकार की प्रश्नावलियों को बताया है।
(i) तथ्य सम्बन्धी प्रश्नावली, (ii) मनोवृत्ति सम्बन्धी प्रश्नावली ।
पी. वी. यंग ने प्रकृति के आधार पर निम्नलिखित दो प्रकार की प्रश्नावलियों को बताया है –
(i) बन्द प्रश्नावली, (ii) खुली प्रश्नावली
पी. वी. यंग ने ही संरचना के आधार पर निम्नलिखित दो प्रकार की प्रश्नावलियाँ बतायी हैं –
(i) संरचित प्रश्नावली (ii) असंरचित प्रश्नावली
कुछ अन्य विद्वानों ने चित्रमय एवं मिश्रित प्रश्नावलियों का भी उल्लेख किया है।
(1) तथ्य सम्बन्धी प्रश्नावली – इस प्रश्नावली का उपयोग उस समय किया जाता है, जब हमें किसी समूह की सामाजिक आर्थिक दशाओं से सम्बन्धित तथ्यों का संग्रह करना होता है।
(2) मनोवृत्ति सम्बन्धी प्रश्नावली- इस प्रकार की प्रश्नावलियों का निर्माण एवं प्रयोग उस समय किया जाता है, जब हमें बाजार सर्वेक्षण, जनमत संग्रह, विज्ञापन एवं टेलीविजन तथा रेडियो कार्यक्रमों के बारे में लोगों के विचार जानने होते हैं।
(3) संरचित प्रश्नावली – इस प्रकार की प्रश्नावली का निर्माण अनुसन्धान प्रारम्भ करने से पूर्व ही कर लिया जाता है। श्रीमती पी. वी. यंग के अनुसार, “संरचित प्रश्नावली वह होती है, जिसमें कि निश्चित, ठोस तथा पूर्व निर्धारित प्रश्नों के अतिरिक्त ऐसे आवश्यक सीमित प्रश्न भी रहते हैं, जो अपर्याप्त उत्तरों के स्पष्टीकरण करने या अधिक विस्तृत प्रत्युत्तर पाने के लिए आवश्यक होते हैं। प्रश्नों का आकार चाहे प्रतिबन्धित हो या अप्रतिबन्धित, मुख्य बात तो यह है कि उन प्रश्नों को पहले से ही न कि साक्षात्कार के समय लिखित रूप में दिया जाता है।’
(4) असंरचित प्रश्नावली – इस प्रकार की प्रश्नावली में प्रश्नों का निर्माण पूर्व में नहीं किया जाता, बल्कि केवल उन्हीं विचारों एवं प्रसंगों का वर्णन किया जाता है, जिनके सम्बन्ध में सूचनाओं का संकलन करना होता है।
श्रीमती पी. वी. यंग के अनुसार, “असंरचित प्रश्नावलियाँ प्रायः साक्षात्कार पथ-प्रदर्शिका के रूप में लक्षित की जाती है, जिनका उद्देश्य निश्चित विषय-वस्तु क्षेत्रों में रखना तथा शुद्धता भी होता है, जिसके साक्षात्कार के अन्तर्गत सम्मिलित किये जाने की आवश्यकता होती है। साक्षात्कारकर्ता सीमाओं में रहते हुए आकार को व्यवस्थित करने तथा पूछताछ के समय के निर्धारित करने में स्वतंत्र रहता है।”
(5) बन्द, सीमित या प्रतिबन्धित प्रश्नावली- इस प्रकार की प्रश्नावली में प्रश्नों के सामने ही कुछ निश्चित उत्तर दिये होते हैं, जिनमें से उत्तरदाता को सही अन्तर छांटकर लिखने होते हैं।
(6) खुशी, असीमित या अप्रतिबन्धित प्रश्नावली- इस प्रश्नावली में प्रश्नों के उत्तर सूचनादाता को अपनी इच्छानुसार देने होते हैं और उसे अपने विचारों को खुलकर प्रकट करने की स्वतंत्रता होती है।
(7) चित्रमय प्रश्नावली- इस प्रकार की प्रश्नावली में प्रश्नों के संम्भावित उत्तर चित्रों द्वारा प्रकट किया जाते हैं और सूचनादाता को अपने उत्तर के लिए उन चित्रों में से किसी एक पर निशान लगान होता है।
(8) मिश्रित प्रश्नावली- इस प्रकार की प्रश्नावली में उपरोक्त वर्णित सभी प्रश्नावलियों की विशेषताएँ होती हैं।
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