स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा

प्रोटीन का वर्गीकरण, खाद्य स्त्रोत तथा प्रोटीन के कार्य

प्रोटीन का वर्गीकरण
प्रोटीन का वर्गीकरण

प्रोटीन

प्रोटीन भी कार्बोहाइड्रेट की तरह एक कार्बनिक यौगिक है किन्तु इसमें कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के अतिरिक्त नाइट्रोजन भी पाया जाता है। प्रोटीन की रचना एमीनो एसिड नामक मूल इकाई से होती है। ये एमीनो एसिड एक-दूसरे से पेप्टाइड बंध द्वारा जुड़े रहते हैं।

प्रोटीन का वर्गीकरण

मानव शरीर के लिए लगभग 22 एमीनो एसिड आवश्यक होते हैं। इन 22 एमीनो एसिड को दो वर्गों-आवश्यक एमीनो एसिड तथा अनावश्यक एमीनो एसिड के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

(1) अनावश्यक एमीनो एसिड- वह एमीनो एसिड जो शरीर द्वारा निर्मित किए जा सकते हैं इसलिए उनका भोजन में होना आवश्यक नहीं होता। इन एमीनो एसिड को अनावश्यक एमीनों एसिड कहते हैं।

(2) आवश्यक एमीनो एसिड-वह एमीनो एसिड जो शरीर द्वारा निर्मित नहीं किए जो सकते हैं इसलिए उनका भोजन में होना आवश्यक होता है। इन एमीनो एसिड को आवश्यक एमीनो एसिड कहते हैं। आठ एमीनो एसिड ऐसे हैं जो शरीर द्वारा निर्मित नहीं किए जा सकते हैं।

प्रोटीन के खाद्य स्त्रोत

भोजन में प्रोटीन के दो प्रमुख स्रोत हैं-

प्राणिजन्य स्त्रोत- प्राणिजन्य प्रोटीन के मुख्य स्रोत हैं, जैसे-दूध तथा दूध से निर्मित पदार्थ दही, पनीर, खोया, मक्खन, मांस, मछली आदि।

वानस्पतिक स्त्रोत – वनस्पतिजन्य वसा के मुख्य स्रोत हैं, गिरीदार फल तथा तिलहन जैसे काजू, मूंगफली तथा दालें, जैसे-राजमा, सोयाबीन, चने आदि।

प्रोटीन के कार्य

प्रोटीन के मुख्य कार्य निम्न हैं-

(i) ऊर्जा प्रदान करना- प्रोटीन का मुख्य कार्य ऊर्जा प्रदान करना नहीं है। जब भोजन में ऊर्जा प्रदान करने वाले अन्य पोषक तत्त्व कार्बोहाइड्रेट तथा वसा पर्याप्त मात्रा में नहीं होते हैं। तब इस परिस्थिति में ही प्रोटीन का शरीर में ऊर्जा के लिए प्रयोग किया जाता है।

(ii) प्रोटीनवाहक के रूप में- प्रोटीनवाहक का सबसे अच्छा उदाहरण हीमोग्लोबिन है जो कि रक्त में उपस्थित प्रोटीनयुक्त लाल रंग का पदार्थ है। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न अंगीय ऊतकों में ले जाता है और शरीर के सभी अंगों से कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों तक पहुँचाता है।

(iii) शरीर निर्माण तथा विकास-प्रोटीन शरीर में नवीन ऊतकों के निर्माण और क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत के लिए आवश्यक है। अतः शारीरिक वृद्धि और शरीर के रख-रखाव के लिए जीवन भर प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

(iv) प्रोटीन रासायनिक पदार्थ के रूप में- प्रोटीन कुछ रासायनिक पदार्थ जैसे एंजाइम, हॉर्मोन और प्रतिपिण्डों को बनाते हैं, जो शरीर की मुख्य प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए। आवश्यक होते हैं। भोजन के पाचन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एंजाइम प्रकृति से प्रोटीन होते हैं। इसी प्रकार कुछ हॉर्मोन जैसे इन्सुलिन प्रोटीन होते हैं। इसके साथ-साथ प्रतिपिण्ड भी प्रोटीन होते हैं जो रोगों से शरीर की रक्षा करते हैं।

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shubham yadav

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