सामान्य तौर पर जिम्नेजियम या अखाड़ों में विभिन्न उपकरणों के साथ या उनके बिना अभ्यास किये जाने वाले व्यायामों को जिम्नास्टिक कहा जाता है, किन्तु जिम्नास्टिक के अन्तर्गत स्वाभाविक एवं प्रारंभिक दोनों प्रकार की शारीरिक गतियाँ आती हैं जो खेलों से सम्बन्धित व्यायामों के सुधार एवं अनुरक्षण के लिए उपयोगी हैं और व्यक्ति के सामान्य एवं बहुउद्देशीय विकास में भी सहायक हैं।
जिम्नास्टिक के प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं
अनुक्रम (Contents)
उन्नत मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य
(1) स्वस्थ शारीरिक विकास के लिए शारीरिक गतियुक्त कौशलों का विकास करना और गामक कौशलों में सुधार लाना।
(2) खेल संस्कृति को विकसित करने एवं खेल प्रदर्शनों में सुधार हेतु अवसर उपलब्ध कराना।
(3) सक्रिय और नियमित प्रशिक्षण एवं खेल के प्रति रुचि जाग्रत करना और उसे बनाए रखना। सामान्यतः जिम्नास्टिक में व्यायामों को तीन रूपों में वर्गीकृत किया जाता है—
1. सामान्य व्यायाम- इस श्रेणी के अन्तर्गत ऐसे व्यायामों को शामिल किया जाता है जो आधारभूत कौशलों का विकास करते हैं।
2. विशिष्ट व्यायाम- इस श्रेणी के अन्तर्गत ऐसे व्यायामों को शामिल किया जाता है जो समन्वयात्मक कौशलों का विकास करते हैं।
3. बहुउद्देशीय व्यायाम- इस श्रेणी के अन्तर्गत ऐसे व्यायामों को शामिल किया जाता है जो सन्धि सुनम्यता का विकास करते हैं।
जिम्नास्टिक के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits Of Gymnastics)
जिम्नास्टिक के स्वास्थ्य पर निम्न सकारात्मक प्रभाव हैं-
1. लोचशीलता- लोचशीलता जिम्नास्टिक में एक मुख्य कारक है। लोचशीलता में वृद्धि होने से संभावित चोटों को कम किया जा सकता है। गतियुक्त व्यायाम सीखने एवं उन्हें बारंबार दोहराने से जिम्नास्टि शरीर में अधिकाधिक लचीलापन एवं अधिकाधिक शारीरिक नियंत्रण प्राप्त करता है।
2. रोगों से बचाव – जिम्नास्टिक में भागीदारी से एक स्वस्थ शरीर को बनाए रखने में सहायता होती है जो विभिन्न रोगों, जैसे- मोटापा, दमा, हृदय रोग, मधुमेह से बचाव के लिए महत्त्वपूर्ण है। जिम्नास्टिक गतिविधियों में सम्मिलित होकर एक स्वस्थ जीवन शैली एवं संतुलित खान-पान के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
3. स्वस्थ एवं सशक्त अस्थियाँ– जिम्नास्टिक जैसे भार प्रशिक्षण व्यायाम में भागीदारी से स्वस्थ एवं सशक्त अस्थियों की प्राप्ति में सहायता मिलती है जो युवावस्था में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। आयु में वृद्धि के साथ व्यक्ति के अस्थि द्रव्यमान एवं अस्थि खनिज घनत्व में कमी आने लगती है। यदि युवावस्था में स्वस्थ एवं सशक्त अस्थियों के विकास के लिए प्रयास किया जाता है तो बाद में बढ़ती आयु में आस्टियोपोरोसिस रोग होने का खतरा कम होता है।
4. आत्म-सम्मान की भावना- शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययनों में यह संकेत दिया है कि जिन बच्चों ने जिम्नास्टिक एवं अन्य शारीरिक गतिविधियों में भागीदारी की उनमें बेहतर आत्म सम्मान और आत्म-प्रभावकारिता की भावना में वृद्धि देखने को मिलती है।
5. दैनिक व्यायाम की आवश्यकता- अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने बच्चों को प्रतिदिन 60 मिनट शारीरिक गतिविधि में भागीदारी की अनुशंसा की है। वयस्कों को प्रति सप्ताह कम से कम 5 दिन 30 मिनट तक शारीरिक गतिविधियों में भागीदारी करनी चाहिए। जिम्नास्टिक व्यायाम में | भागीदारी के द्वारा इन अनुशंसाओं की पूर्ति की जा सकती है।
6. संज्ञानात्मक कार्यशीलता में वृद्धि- जिम्नास्टिक में भागीदारी से न केवल शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं अपितु एकाग्रता और ध्यान में भी सुधार आता है। जिम्नास्टिक्स में भागीदारी बच्चों को स्वयं के बारे में विचार करने के लिए, अपनी कल्पना शक्ति को प्रोत्साहन देने के लिए और सुरक्षित रूप से समस्याओं के समाधान का अवसर प्रदान करता है।
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