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वैयक्तिक अध्ययन कितने प्रकार का होता है ?
वैयक्तिक अध्ययन निम्नलिखित दो प्रकार का होता है –
1. व्यक्ति का अध्ययन (Case Study of an Individual)
इसके अन्तर्गत किसी व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन अथवा जीवन की किसी विशेष घटना का अध्ययन किया जाता है। व्यक्ति के परिवार के सदस्यों एवं उससे सम्बन्धित व्यक्तियों से सम्पर्क करके उसके विषय में आवश्यक सूचनाएँ संकलित की जाती हैं। इस विधि में व्यक्ति के परिवार में उसके सदस्यों, पड़ोस, मित्र-मण्डली, पत्र-डायरी, आत्मकथा, लेख, संस्मरण एवं जीवन-इतिहास आदि स्रोतों से जानकारी प्राप्त की जाती है।
2. समुदाय का वैयक्तिक अध्ययन (Case Study of a Community)
इसके अन्तर्गत किसी समूह, संस्था, जाति अथवा समुदाय का अध्ययन किया जाता है। इस सम्बन्ध में एक विचार उल्लेखनीय है –
“वैयक्तिक अध्ययन द्वारा सम्पूर्ण समुदाय की खोज की जाती है। इसमें बौद्धिक कुशलता, अनुभव एवं सतर्कता की आवश्यकता होती है। एक समुदाय का वैयक्तिक अध्ययन उसकी आन्तरिक स्थिति का पूर्ण रूप से अध्ययन हेतु सामग्री संकलन की व्यवस्थित पद्धति है। इसके लिए उन्हीं साधनों का प्रयोग किया जाता है जो साधन एक व्यक्ति के वैयक्तिक अध्ययन के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं।”- श्रीमती पी. वी. यंग
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