समाजशास्‍त्र / Sociology

वैयक्तिक अध्ययन पद्धति के उपकरण एवं प्रविधियाँ | Tools and Techniques of Case Study Method in Hindi

वैयक्तिक अध्ययन पद्धति के उपकरण एवं प्रविधियाँ
वैयक्तिक अध्ययन पद्धति के उपकरण एवं प्रविधियाँ

वैयक्तिक अध्ययन पद्धति के उपकरण एवं प्रविधियों को बताइये।

वैयक्तिक अध्ययन पद्धति के उपकरण एवं प्रविधियाँ निम्नलिखित हैं-

1. डायरी (Diaries) 

कुछ व्यक्तियों को अपने दैनिक जीवन की घटनाओं को डायरी में लिखने की आदत होती है। डायरी से हमें व्यक्तियों के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं एवं उनकी गोपनीय बातों की जानकारी मिलती है। ये महत्वपूर्ण बातें व्यक्ति के अनुभवों को भी प्रकट करती हैं। इसके साथ ही इनसे व्यक्ति के सामाजिक सम्पर्क का ब्यौरा भी मिलता है। डायरियों द्वारा प्राप्त जानकारी को हम साक्षात्कार एवं अन्य विधियों द्वारा ज्ञात नहीं कर सकते हैं। इस कारण डायरियाँ व्यक्ति के जीवन के वास्तविक तथ्यों को भी प्रकट करती हैं। इसके साथ-साथ इनके माध्यम से व्यक्ति की भावनाओं, गोपनीयता तथ्यों, प्रतिक्रियाओं, मनोवृत्तियों, संकल्पों, सफलताओं एवं विफलताओं के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त होती है।

2. पत्र (Letters)

व्यक्ति अपने विचारों एवं भावनाओं का आदान-प्रदान पत्रों के माध्यम से ही करते हैं। कई बार पत्र व्यक्ति के एक विषय पर उसके दृष्टिकोण का चित्रण करते हैं। इनके अन्तर्गत व्यक्ति के जीवन की अंतरंग सामग्री भी उपलब्ध होती है जो कुछ निश्चित तथ्यों पर प्रकाश डालती है। पत्रों के माध्यम से हम व्यक्ति के मनोभावों, मित्रता, शत्रुता, प्रेम, घृणा, आशा, निराशा, तनाव व जीवन के मूल्यों के सम्बन्ध में जान सकते हैं। महान व्यक्तियों के पत्र उनकी मृत्यु के पश्चात् भी संग्रहालय में सुरक्षित रखे जाते हैं। यदि हम किसी व्यक्ति के जीवन के सम्बन्ध में वास्तविक एवं महत्वपूर्ण अनुभवों एवं विचारों को जानना चाहते हैं तो उसके द्वारा लिखे गये पत्र महत्वपूर्ण साधन हैं।

3. जीवन-इतिहास (Life-History)

वैयक्तिक अध्ययन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण सूचना स्रोत जीवन-इतिहास है। इसके अन्तर्गत जीवन से सम्बन्धित लिखित तथ्य आते हैं, जिनमें घटनाओं की श्रृंखला, उनका समूह तथा सांस्कृतिक मूल्यों के साथ सम्बन्ध ज्ञात होता है। जीवन इतिहास को एक प्रमुख विद्वान ने निम्न प्रकार से परिभाषित किया है –

“जीवन- इतिहास का आशय विस्तृत आत्मकथा से है, लेकिन व्यावहारिक अर्थ में इसके अन्तर्गत किसी भी जीवन सम्बन्धी सामग्री को सम्मिलित किया जा सकता है।”

4. प्रलेख (Documents)

वैयक्तिक अध्ययन में कुछ अन्य स्रोतों जैसे व्यक्तिगत प्रलेखों का भी उपयोग किया जाता है। इसके अन्तर्गत निम्नलिखित तथ्यों को शामि किया जाता है। आत्मकथाएँ, स्कूल व कॉलेज के रिकार्ड, पुस्तकें, पत्रिकाएँ, वंशावली, सरकारी तथा गैर-सरकारी विज्ञप्तियाँ एवं भूत एवं वर्तमान से सम्बन्धित अनुसन्धान प्रतिवेदन आदि। इस सम्बन्ध में आलपोर्ट ने लिखा है कि –

“व्यक्ति प्रलेख आत्म-प्रदर्शन करने वाले ऐसे तथ्य हैं जो इच्छापूर्वक अथवा अनिच्छापूर्वक लेखक को मानसिक जीवन की संरचना, गत्यात्मक एवं कार्य करने के बारे में प्रत्यक्ष सूचनाएँ देते हैं।” – जॉन मेज

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shubham yadav

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